Rahu Ke Lakshan
ज्योतिष शास्त्र में राहु केतु को छाया ग्रह कहा जाता है। राहु(Rahu)और केतु सूर्य और चन्द्रमा के परिक्रमा मार्ग के कटान से उत्पन्न हुए है। क्योंकि यह वास्तविक ग्रह नहीं हैं इसलिए इन्हें छाया ग्रह(मायावी )भी कहा जाता है। इन्हें पापी ग्रहों की श्रेणी में रखा जाता है। ऐसा कहा जाता है शनिवत राहु कुंजवत केतु। तात्पर्य है राहु शनि की तरह और केतु मंगल की तरह व्यवहार करता है।
राहु छाया ग्रह है इसलिए यह व्यक्ति के मन में भ्रम की स्थिति पैदा करता करता है। यह व्यक्ति को वास्तिविकता से दूर ले जाता है।यदि व्यक्ति राहु के बुरे प्रभाव में हो तो व्यक्ति का जीवन नरक के सामान हो जाता है। इस लेख के माध्यम से हम लक्षणों द्वारा यह जानने का प्रयास करेंगे कि आपको में राहु कैसा परिणाम दे रहा है।
Kundali Me Kharab Rahu Ke Lakshan-लक्षणों द्वारा कैसे पहचाने राहु के बुरे प्रभाव
सामान्यतः राहु(Rahu) अच्छे परिणाम नहीं देता।लेकिन राहु जब कुंडली के 3 ,6 या 11 भाव में हो और वृषभ,मिथुन और कन्या राशि में हो तो काफी अच्छे परिणाम देता है। केंद्र या त्रिकोण में बैठा अकेला राहु राजयोग निर्मित करता है।जब जातक के जीवन में राहु की महादशा या अन्तर्दशा चल रही होती है तो जातक को जीवन में काफी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है। यदि राहु बुरे परिणाम दे रहा हो तो जातक को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। निम्न लक्षणों द्वारा पहचाना जा सकता है कि राहु(Rahu) नकारात्मक परिणाम दे रहा है।
- राहु से प्रभावित व्यक्ति को क्रोध बहुत आता है। ऐसा व्यक्ति छोटी-छोटी बात पर चिड़चिड़ा जाता है।
- राहु का बुरा प्रभाव व्यक्ति को हद से ज्यादा जिद्दी बना देता है जिसके कारण व्यक्ति को कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
- राहु से प्रभावित लोगों में ताना मारने की आदत होती है। ऐसे लोग अपने व्यवहार के कारण अपनी साख खोते जाते हैं।
- ख़राब राहु वाले लोग किसी की भी इज्जत नहीं करते हैं।
- राहु व्यक्ति के अंदर धोखा देने की प्रवित्ति उत्पन्न करता है।
- ऐसे लोग जिनका राहु ख़राब परिणाम दे रहा हो ऐसे लोगों को आसानी से नशे की लत लग जाती है।
- राहु किसी व्यक्ति में आपराधिक प्रवृत्ति उत्पन्न कर देता है।
- राहु से प्रभावित व्यक्ति में झूठ बोलने की आदत होती है। ये झूठ भी काफी ख़तरनाक स्तर के होते हैं।
- ख़राब राहु वैवाहिक और पारिवारिक जीवन कलह करवाता है।
- वैवाहिक जीवन के झगड़ों को अदालत तक पहुँचा देता है। विवाह में धोखे की संभावना होती है।
- ख़राब राहु कर्ज लेने आदत डलवा देता है।
- ऐसे लोग जिनका राहु बहुत ख़राब परिणाम दे रहा हो उन्हें कई बार मकान बदलने पड़ते हैं।
- राहु व शनि का योग कुंडली को साथ शापित करता है। यदि राहु व शनि हो या राहु मंगल की युति बन रही हो तो अचानक से बना बनाया काम ख़तम हो जाता है।
- शनि राहु की युति वाले जातक की माँ को कष्ट रहता है। गुरु और धर्म से नाता छूट जाता है।
- राहु यदि ख़राब हो तो घर के नल ख़राब होंगे। घर में बिजली की समस्या बनी रहेगी। घर में सीलन की समस्या भी रहेगी।
- राहु के कारण डैंड्रफ और त्वचा सम्बन्धी परेशानियां बानी रहती हैं। राहु के कारण त्वचा में रूखापन रहता है।
- राहु के साथ ही यदि बृस्पति भी ख़राब हो और कफ की समस्या हो ऐसे लोगों के शरीर में गांठ बनने की प्रवृत्ति होती है।
- ऐसे बच्चे जो राहु के प्रभाव में होते है वो बहुत जिद्दी होते हैं ,ऐसे बच्चों में पेट दर्द की परेशानी बनी रहती है क्योंकि राहु वात पैदा करता है। ऐसे बच्चे चिड़चिड़े होंगे साथ ही उन्हें सिरदर्द की समस्या भी रहती है। ऐसे में बच्चे का मन पढ़ाई में नहीं लगता और बच्चा याद करी हुई चीजें भी जल्दी भूल जाता है।
- ख़राब राहु भाग्य पक्ष को कमजोर करता है। ऐसे लोग स्वयं अपनी वाणी के कारण स्वयं को माता-पिता और भाई -बहन से दूर कर लेते हैं।
- ख़राब राहु वाणी दोष पैदा करता है। ऐसे बच्चे साहित्य में अच्छा नहीं कर पाते हैं।
- राहु को यदि ख़राब परिणाम देना हो तो वह व्यक्ति से अनैतिक कार्य कराएगा। यदि आप अपनी राहु की महादशा या अन्तर्दशा से गुजर रहे हो और आपका मन अनैतिक कार्यों की तरफ आकृष्ट हो रहा हो तो आपको सावधान हो जाना चाहिए।क्योंकि फिर यह राहु आपको पूरी अनैतिक कार्य करने को बाध्य करेगा और फिर आपकी पूरी महादशा या अन्तर्दशा संघर्ष में बीतेगी। इस बात आप ख़ास खयाल तब रखें जब आपका राहु अष्टम भाव में हो।
Kundali Me Acche Rahu Ke Lakshan-राहु ग्रह के अच्छे परिणाम
- राहु व्यक्ति को ऊर्जावान बनता है। यदि फ़ौज ,पुलिस या गुप्तचर विभाग में जाना हो तो राहु का अच्छा होना बहुत आवश्यक है।
- मंगल राहु के बिना राजनीति में अच्छा पद नहीं मिल सकता।
- राहु राजनीती करवाता है। राहु न शांत बैठता है न शांत बैठने देता है।
- ऐसे बच्चे जिनकी कुंडली में राहु लग्न या चन्द्रमा को प्रभावित करे ,हाइपर एक्टिव होते है। यदि राहु लग्न को प्रभावित करता है तो शारारिक रूप से बहुत सक्रिय होते हैं और यदि चन्द्रमा को प्रभावित करे तो मानसिक रूप से बहुत सक्रिय होते हैं। ऐसे बच्चों को यदि सही दिशा मिल जाए तो ये बच्चे अपना झंडा गाड़ सकते हैं।
Rahu ko behtar karne ke upay-राहु को बेहतर करने के उपाय
- ऐसे लोग जिनका राहु ख़राब परिणाम दे रहा हो उन्हें गाढ़े नीले और ग्रे रंग के प्रयोग से बचना चाहिए।
- जायफल को काले कपड़े में बांधकर शनिवार के दिन धारण करें।
- क्रोध पर नियंत्रण करें ,देर रात तक न जागें ,सूर्योदय के पहले उठ जाएं।
- गुरु का दिया हुआ उपहार अपने पास रखें।
- वाणी पर नियंत्रण रखें। किसी से भी बेअदबी से बात न करें।
- राहु ऊर्जा का संचय करता है। इसलिए खिलाडियों को कभी अचानक से खेलना बंद नहीं करना चाहिए।
- शरीर में ऊर्जा न तो ज्यादा होनी चाहिए न कम नहीं होनी चाहिए। इसलिए राहु को संतुलित करना हो तो खूब खेलना चाहिए ,मेहनत करनी चाहिए और व्यायाम करना चाहिए।
- यदि दिमाग ज्यादा चलायमान रहता हो तो ऐसे लोगों को मेन्टल एक्सरसाइज करनी चाहिए।
- राहु को अच्छा करना हो तो सच बोलना चाहिए।
- राहु को बेहतर करने के लिए खुली विचारधारा रखें।
- राहु वात पैदा करता है अतः वात वाली चीजों के सेवन से परहेज करें और ज्यादा तेल मसाले वाले भोजन का भी सेवन न करें।
- भगवान शिव की आराधना से राहु शांत होता है। “ॐ रुद्राय नमः” का जप करें।शिव रुद्राष्टकम या शिव तांडव स्तोत्रम के पाठ द्वारा भी राहु के बुरे प्रभाव को ख़तम किया जा सकता है।
- शिवलिंग का नित्य जलाभिषेक करने से राहु के बुरे प्रभाव समाप्त होते हैं।
- मधुर संगीत सुनने से भी राहु बेहतर होता है।
- राहु स्तोत्र का पाठ करें या राहु में मंत्र का जप करें।
Rahu Mantra-राहु का मंत्र
Rahu Beej Mantra-राहु का बीज मंत्र
ॐ रां राहवे नम:।
Rahu Tantrik Mantra-राहु का तांत्रिक मंत्र
ऊँ ऎं ह्रीं राहवे नम:।
ऊँ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:।
ऊँ ह्रीं ह्रीं राहवे नम:।
Rahu Gayitri Mantra-राहू का गायत्री मंत्र
ॐ शिरोरूपाय विद्महे अमृतेशाय धीमहि तन्नो राहू: प्रचोदयात।
Rahu Vedic Mantra-राहु का वैदिक मंत्र
ॐ कयानश्चित्र आभुवदूतीसदा वृध: सखा कयाशश्चिष्ठया वृता।
इनमें से कोई भी मंत्र जाप करके राहु जनित दोषों की शान्ति कर सकते हैं।यदि आपको अपनी कुंडली के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है और आपको यह लगता है कि मंत्र का कोई दुष्प्रभाव तो नहीं होगा तो राहु का गायित्री मंत्र सर्वश्रेष्ठ रहेगा क्योंकि किसी भी ग्रह का गायत्री मंत्र जपने का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता।
मंत्र की जप संख्या अठ्ठारह हजार होनी चाहिए और इसके दशांश का हवन करवाना चाहिए। हवन में दूर्वा का प्रयोग अधिकाधिक करना चाहिए।