भये प्रकट कृपाला दीन दयाला कौशिल्या हितकारी ।
हरषित महतारी मुनि मन हारी अद्भुत रूप निहारी ॥
लोचन अभिरामा तनु घनश्यामा निज आयुध भुजचारी ।
भूषण बन माला नयन विशाला शोभा सिंधु खरारी ॥
दीनों पर दया करने वाले कौशल्या जी के हितकारी कृपालु प्रभु(श्री राम) प्रकट हुए। मुनियों के मन को मोहित करने वाले उनके अद्भुत रूप को देख कर माता हर्ष से भर गई। नेत्रों को आनंद देने वाला मेघ के समान श्याम शरीर था, चारों भुजाओं में अपने खास आयुध(शस्त्र) धारण किए हुए थे। उन्होंने दिव्या आभूषण और वनमाला(फूलों की माला।) पहने थे तथा बड़े-बड़े नेत्र थे। इस प्रकार शोभा के समुद्र तथा खर राक्षस को मारने वाले भगवान प्रकट हुए।