लोग इन्हें किस्मत चमकाने वाले बाबा भी बुलाते हैं क्योंकि जब एप्पल कम्पनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स अपने ख़राब दौर से गुजर रहे थे तो उन्हें किसी ने नीम करोली बाबा के आश्रम में आने की सलाह दी थी और वो बाबा के कैंची आश्रम में आकर रुके थे जिसके बाद उन्होंने अपने जीवन में सफलता हासिल की।
Author: santwana
निर्वाण षट्कम हिंदी अर्थ सहित-Nirvana Shatkam Hindi Arth
मनोबुद्ध्यहंकार चित्तानि नाहं
न च श्रोत्रजिह्वे न च घ्राणनेत्रे ।
न च व्योम भूमिर्न तेजो न वायुः
चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम् ।। 1 ।।
मैं न तो मन बुद्धि चित्त अहंकार हूं। मैं न तो मैं कान,जिह्वा नाक,आँख हूं। मैं न तो आकाश, भूमि, अग्नि, वायु हूं। मैं केवल शुद्ध चेतना हूं मैं ही शिव हूं।
ज्योतिष शास्त्र में षड्बल क्या है-Shadbal Kya Hai
षड्बल के द्वारा हम किसी ग्रह के बल या शक्ति का पता लगा सकते हैं। षड्बल कोई एक बल नहीं है वरन ग्रह को विभिन्न बिंदुओं पर विचार करके हर बिंदु के हिसाब से उसे कुछ अंक प्रदान किये जाते हैं। इन सभी का योग ही षड्बल कहलाता है। क्योंकि यह छः बलों का योग है इसलिये इसे षड्बल कहते हैं। यह छः बल है- स्थान बल, दिग्बल, कालबल, चेष्टा बल, नैसर्गिक बल और दृष्टि बल।
ग्रहों की उच्च नीच और मूलत्रिकोण राशि- Ucch Neech Mooltrikona Rashi
ग्रह हमेशा गतिमान रहते हैं और विभिन्न राशियों में गोचर करते रहते हैं। हर ग्रह को अपने स्वाभाव के अनुसार कुछ राशियां प्रिय होती हैं जैसे- ग्रह की उच्च ,मूलत्रिकोण, स्वराशि और मित्र राशि। वहीं कुछ राशियां ऐसी भी होती हैं जिनमें ग्रह सहज नहीं होता जैसे – किसी ग्रह की नीच और शत्रु राशि।
Aditya Hridaya Stotra Hindi Arth Sahit -आदित्य हृदय स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित
ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम्।
रावणं चाग्रतो दृष्ट्वा युद्धाय समुपस्थितम्॥१॥
दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम्।
उपागम्याब्रवीद्राममगस्त्यो भगवांस्तदा॥२॥
Vedic Jyotish Me Surya Grah Aur Uska Mahatava-लक्षणों द्वारा जाने कैसा है आपकी कुंडली में सूर्य और उपाय
सूर्य(Surya) किसी व्यक्ति की कुंडली में बहुत महत्वपूर्ण ग्रह होता है क्योंकि सूर्य आत्मा का कारक है। बिना सूर्य के आपको जिंदगी में पद, प्रतिष्ठा, पिता का सुख नहीं मिल सकता। सूर्य हमारी हड्डियों, मस्तक, चेहरे पर तेज, आंखों, वाणी में आकर्षण, आत्मबल, अच्छा स्वास्थ्य और आयु को दिखाता है।यदि सूर्य अच्छा नहीं है तो आप कभी अच्छे राजनेता या उच्च पद पर आसीन नहीं हो सकते। सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बात है की सूर्य हमारे आत्मबल को दर्शाता है जिसका सूर्य अच्छा होता है उसका आत्मबल भी ज्यादा होता है।
कैसे जाने अपना लग्नेश और ईष्ट देव-Lagnesh and Ishta Devta
ग्रह हमारे जीवन पर विशेष प्रभाव डालते हैं। वैसे तो सभी नवग्रह हमारे जीवन पर कुछ न कुछ प्रभाव डालते हैं परन्तु हर किसी की कुंडली में एक ग्रह ऐसा होता है जो उस व्यक्ति के जीवन पर सबसे ज्यादा प्रभाव डालता है वह ग्रह है हमारा लग्नेश।
यदि आपको अपना लग्नेश या मुख्य ग्रह पता हो तो आप अपना जीवन काफी बेहतर बना सकते हैं। किसी व्यक्ति का लग्नेश उस व्यक्ति के ऊपर सबसे ज्यादा प्रभाव डालने वाला ग्रह होता है।
Shivlinga Ke Prakar Aur Mahatava-शिवलिंग क्या है
Shivling kya hai-शिवलिंग क्या है
शिवलिंग
का अर्थ होता है – शिव का प्रतीक। शिवलिंग को सृष्टि के निर्माण का प्रतीक माना जाता है। शिवलिंग शिव जी का निराकार स्वरूप है। शिवलिंग के पूजन से भगवान महादेव की सगुण और निर्गुण दोनों प्रकार की भक्ति प्राप्त होती है। शिवलिंग का पूजन करने से शिव और शक्ति दोनों का पूजन हो जाता है।
प्रणव समस्त अभीष्ट वस्तुओं को देने वाला प्रथम लिंग है।वह सूक्ष्म प्रणव है। सूक्ष्म लिंग निष्कल होता है और स्थूल लिंग सकल। एक अक्षररूप जो ओम है उसे सूक्ष्म प्रणव जानना चाहिए और पंचाक्षर मंत्र नमः शिवाय को स्थूल लिंग कहते हैं।उन दोनों प्रकार के लिंगो का पूजन तप कहलाता है।
पृथ्वी के विकारभूत पांच प्रकार के लिंग ज्ञात हैं-पहला स्वयंभू लिंग, दूसरा बिंदु लिंग, तीसरा प्रतिष्ठित लिंग, चौथा चरलिंग और पांचवां गुरू लिंग।
Sawan Maas 2023 Ke Vrat Tyohar-सावन मास 2023 के व्रत और त्यौहार
वर्ष 2023 में सावन या श्रावण मास का आरम्भ 4 जुलाई से होगा। 18 जुलाई से 16 जुलाई तक अधिक श्रावण मास रहेगा तथा 31 जुलाई को श्रावण मास की समाप्ति होगी।
Navgrah Beej Mantra And Navgrah Gayitri Mantra -नवग्रह बीज मन्त्र द्वारा कैसे मजबूत करें अपना भाग्य
नवग्रहों(Navgrah) को मजबूत रखना अत्यंत आवश्यक है। खास कर जातक की कुंडली में जिस ग्रह महादशा या अंतर्दशा चल रही हो तथा लग्नेश(मुख्य ग्रह) व चंद्र राशि के स्वामी ग्रह को मजबूत रखना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि इन ग्रहों का जातक के जीवन पर विशेष प्रभाव पड़ता है।