तीनों शरीर को पुनः 5 कोशों पंचकोश(panchkosh) में विभक्त किया गया है।
अन्नमय कोश
प्राणमय कोश
मनोमय कोश
विज्ञानमय कोश
आनन्दमय कोश
Author: santwana
Janiye Kaise Hui Shiv Tandav Stotra Ki Rachna-जानिए शिव तांडव स्तोत्र की रचना कैसे हुई
Janiye Kaise Hui Shiv Tandav Stotra Ki Rachna
रावण भगवान शिव का अनन्य भक्त था। उसके मन में यह इच्छा थी की भगवान स्वयं उसके साथ आकर रहें और वह उनकी सेवा करें। इस बात को वह कई बार भगवान के सम्मुख रख भी चुका था। पर भगवान शिव उसे विनम्रता पूर्वक कई बार यह समझा चुके थे कि यह संभव नहीं है। परन्तु रावण बहुत हठी था। वह बार-बार इस बात का प्रयत्न करता रहता था की भगवान शिव उसके साथ लंका चलने को तैयार हो जाएं।
Sankata Nashan Ganesh Stotra With Hindi Meaning-संकटनाशन गणेश स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित
Sankata Nashan Ganesh Stotra
प्रणम्य शिरसा देवं गौरीपुत्रं विनायकम्
भक्तावासं स्मरेन्नित्यं आयुः कामार्थ सिद्धये ||1||
उन देवता को सिर झुकाकर नमस्कार है जो देवी गौरी(पार्वती) के पुत्र हैं ,जो विनायक(संकट को दूर करने वाले) हैं, …
Hanuman Bahuk-हनुमान बाहुक
Hanuman Bahuk
सिंधु-तरन, सिय-सोच-हरन, रबि-बाल-बरन तनु ।
भुज बिसाल, मूरति कराल कालहुको काल जनु ।।
गहन-दहन-निरदहन लंक निःसंक, बंक-भुव ।
जातुधान-बलवान-मान-मद-दवन पवनसुव ।।
कह तुलसिदास सेवत सुलभ सेवक हित सन्तत निकट ।
गुन-गनत, नमत, सुमिरत, जपत समन सकल-संकट-विकट ।।१।।
Hanuman Jayanti Wishes-हनुमान जन्मोत्सव पूजन विधि और शुभकामना सन्देश
हनुमान जी को कलयुग का देवता कहा जाता है। हनुमान जी का जन्मोत्सव चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन हनुमानजी का जन्म हुआ था।
Bajrang Baan Path Vidhi Sahit-बजरंग बाण पाठ विधि सहित
Bajrang Baan
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥
चौपाई
जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥
जन के काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥
Guru Stotra Akhanda Mandalakaram-गुरु स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित
Guru Stotra
अखण्डमण्डलाकारं व्याप्तं येन चराचरम् । तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥ 1 ॥
जो समस्त संसार में, सभी चर(चलायमान) और अचर(स्थिर) प्राणियों में व्याप्त हैं जिनके द्वारा उन चरणों(ईश्वर का साक्षात्कार) को दिखाया जाता है उन गुरु को प्रणाम है।
Hanuman Dwadash Naam Stotra-हनुमान द्वादश नाम स्तोत्र हनुमानञ्जनसूनुर्वायुपुत्रो महाबलः
Hanuman Dwadash Naam Stotra
हनुमानञ्जनसूनुर्वायुपुत्रो महाबलः ।
रामेष्टः फाल्गुनसखः पिङ्गाक्षोऽमितविक्रमः ॥१॥
उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशनः ।
लक्ष्मणप्राणदाताश्च दशग्रीवस्य दर्पहा ॥२॥
Durga Apaduddharaka Stotra With Hindi Meaning-श्री दुर्गा आपदुद्धारक स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित
नमस्ते शरण्ये शिवे सानुकम्पे, नमस्ते जगद्व्यापिके विश्वरूपे।
नमस्ते जगद्वन्द्य पादारविन्दे, नमस्ते जगत्तारिणि त्राहि दुर्गे।।१।।
शरणागत की रक्षा करनेवाली तथा भक्तों पर अनुग्रह करनेवाली हे शिवे(भगवान शिव की पत्नी)! आपको नमस्कार है। जगत् को व्याप्त करनेवाली हे और ब्रह्मांड का स्वरुप है ! आपको नमस्कार है।जिनके चरण कमलों की जिनकी पूरे ब्रह्मांड द्वारा पूजा की जाती है, उन्हें नमस्कार है, जगत् का उद्धार(जो संसार से पार करती हैं) करनेवाली हे दुर्गे! आपको नमस्कार है; आप मेरी रक्षा कीजिये।।१।।
Devi Parvati Ki Stuti With Hindi Meaning-सीता जी द्वारा देवी पार्वतीजी की स्तुति
जय जय गिरिबरराज किसोरी । जय महेस मुख चंद चकोरी।।
जय गजबदन षडानन माता। जगत जननि दामिनी दुति गाता।।