आजकल नवरात्रि चल रही है। नवरात्रि में देवी दुर्गा की पूजा उपासना विशेष रूप से की जाती। भक्त माता की चालीसा और दुर्गा सप्तशती के पाठ के उपरांत माता की आरती करते हैं। आरती करने से यदि पूजा में त्रुटि रह गई हो तो वह दूर हो जाती है। अतः पूजा के उपरांत दुर्गा जी…
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Famous Aarti Sangrah-आरती संग्रह
आरती पूजा के अंत में की जाती है जिससे पूजा जो त्रुटि रह गई हो वह पूर्ण हो जाती है।
अतः हर प्रकार की पूजा के पश्चात् आरती करने का विधान है। इस लेख के माध्यम से हम आपके सम्मुख कुछ प्रमुख आरती(aarti sangrah) प्रस्तुत करेंगे।
Krishna Ji Ki Aarti-कृष्ण जी की आरती
Krishna Ji Ki Aarti “Aarti Kunj Bihari Ki”
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
Aarti Kya Hai Aur Aarti Ka Mahatva-आरती क्या है, महत्व, कब और कैसे करें आरती
आरती को “आरात्रिका” अथवा “आरार्तिक” और “नीराजन” भी कहते हैं। पूजा के अंत में आरती की जाती है। पूजन में जो त्रुटि रह जाती है ,आरती द्वारा उसकी पूर्ति होती है। स्कंद पुराण में कहा गया है –
“मन्त्रहीनं क्रियाहीनं यत् कृतं पूजनं हरे:।
सर्वं सम्पूर्णतामेति कृते नीराजने शिवे।।”
पूजन मंत्रहीन और क्रियाहीन होने पर भी नीराजन (आरती) कर लेने से उसमें सारी पूर्णता आ जाती है।