भारतवर्ष में एक प्रतापी और दानी राजा राज्य करता था। वह नित्य गरीबों और ब्राह्मणों की सहायता करता था। यह बात उसकी रानी को अच्छी नहीं लगती थी, वह न ही गरीबों को दान देती, न ही भगवान का पूजन करती थी और राजा को भी दान देने से मना किया करती थी।(Brihaspativar Ki Katha)
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Janiye Kaise Hui Shiv Tandav Stotra Ki Rachna-जानिए शिव तांडव स्तोत्र की रचना कैसे हुई
Janiye Kaise Hui Shiv Tandav Stotra Ki Rachna
रावण भगवान शिव का अनन्य भक्त था। उसके मन में यह इच्छा थी की भगवान स्वयं उसके साथ आकर रहें और वह उनकी सेवा करें। इस बात को वह कई बार भगवान के सम्मुख रख भी चुका था। पर भगवान शिव उसे विनम्रता पूर्वक कई बार यह समझा चुके थे कि यह संभव नहीं है। परन्तु रावण बहुत हठी था। वह बार-बार इस बात का प्रयत्न करता रहता था की भगवान शिव उसके साथ लंका चलने को तैयार हो जाएं।
Jane Kyon Varjit Hai Ganesh Chaturthi Ko Chandra Darshan -जाने क्यों दिया था श्री गणेश ने चंद्र देव को श्राप
एक बार चंद्र देव के ऊपर क्रोधित होकर भगवान गणेश ने उन्हें यह श्राप दिया था की अब वह देखने योग्य नहीं रह जायेंगे और जो भी प्राणी उनके दर्शन करेगा उसे भी कलंक अवश्य लगेगा। जानिए क्या है पूरी कथा और कैसे मिली चंद्रदेव को श्राप से मुक्तिऔर क्या करें यदि गलती से भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी के चन्द्रमा के दर्शन हो जाएं।