चन्द्रमा हमारी जन्म पत्रिका के सर्वाधिक महत्वपूर्ण ग्रहों में से होता है। यह किसी जातक की मानसिक स्थिति को दर्शाता है। चन्द्रमा की महत्ता को इस बात से समझा जा सकता है कि किसी जातक के जीवन में कब कौन सी दशा आएगी यह उस जातक के जन्मकालीन चन्द्रमा के भोगांशों द्वारा ज्ञात किया जाता है। अतः जन्म पत्रिका में चन्द्रमा का अच्छे से विश्लेषण करना अत्यंत आवश्यक हो जाता है। इस लेख के माध्यम से हम चन्द्रमा(Chandrama Se Banne Wale Yoga) द्वारा बनने वाले योगों को जानेंगे।
चन्द्रमा द्वारा बनने वाले प्रमुख योग (Chandrama Se Banne Wale Yoga) हैं -सुनफा योग, अनफा योग, दुरधरा योग , केमद्रुम योग, गजकेसरी योग, अमल योग, पुष्कल योग ।
योग का अर्थ होता है -मिलन/संयोग/ मेल। योग का निर्माण तब होता है जब एक ग्रह, राशि या भाव दूसरे ग्रह, राशि या भाव से स्थिति, दृष्टि या युति सम्बन्ध बनाता है। योग अच्छे और बुरे दोनों हो सकते हैं। एक अच्छा योग जहाँ कुंडली को मजबूत बनाता है वहीं ख़राब योग कुंडली को कमजोर करते हैं।
Chandrama Se Banne Wale Yoga–चन्द्रमा से बनने वाले योग
Sunpha Yoga-सुनफा योग
जब चन्द्रमा से दूसरे भाव में सूर्य को छोड़कर कोई अन्य ग्रह हो तथा चन्द्रमा से बारहवें भाव में कोई ग्रह न हो तो सुनफा योग बनता है।
बृहत पराशर होराशास्त्र के अनुसार ऐसा जातक राजा/राजा के समान होगा, स्वार्जित संपत्ति वाला, अपनी बौद्धिक क्षमता के कारण सम्मानित और प्रसिद्ध, धनी और प्रतिष्ठित होगा।
होरासार के अनुसार ऐसे व्यक्ति के पास स्वार्जित धन होगा और ऐसे जातक को शास्त्रों का ज्ञान होगा।
सारावली के अनुसार चन्द्रमा से दूसरे भाव में यदि मंगल हो तो ऐसा जातक साहसी, धनी, वाणी से निर्दयी अर्थात कठोर वाणी वाला, सेनापति, गर्व करने वाला, गुस्सैल और शत्रुओं(विरोधी) से युक्त होगा।
चन्द्रमा से दूसरे भाव में यदि बुध हो तो ऐसा जातक वेदों, शास्त्रों और संगीत में निपुण होगा। वह धार्मिक,अच्छे गुणों वाला, कवि, अच्छी काया वाला और दूसरों का भला सोचने वाला होगा।
चन्द्रमा से दूसरे भाव में यदि बृहस्पति हो तो ऐसा जातक उच्च शिक्षा प्राप्त, प्रसिद्ध, राजा या राजा को प्रिय होगा। उसका अच्छा परिवार होगा और धनी होगा।
चन्द्रमा से दूसरे भाव में यदि शुक्र हो तो ऐसा जातक पत्नी, धन, भूमि, पशुओं से युक्त, कौशल और वीर होगा। वह राजा द्वारा सम्मानित होगा।
चन्द्रमा से दूसरे भाव में यदि शनि हो तो ऐसा जातक कौशल युक्त, अपने ग्राम के लोगों द्वारा पूजित, अपने काम को समर्पित और बहादुर होगा। उसके पास धन होगा।
उदाहरण कुंडली सुनफा योग– सचिन तेंदुलकर
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उपरोक्त पत्रिका मशहूर क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर की है। इनका लग्न सिंह है और चन्द्रमा यहाँ द्वादश भाव का स्वामी है और पंचम भाव में राहु के साथ विराजित है।यहाँ चन्द्रमा से द्वितीय भाव में मंगल और बृहस्पति विराजित हैं। मंगल यहाँ नवम और बृहस्पति पंचम स्थान के मालिक हैं।
मंगल यहाँ अपनी उच्च की राशि मकर में छठे भाव में नीच के बृहस्पति के साथ विराजित है।यहाँ जातक के व्यवहार में मंगल और बृहस्पति दोनों का प्रभाव देखने को मिलेगा। मंगल का छठे भाव में होना इनके शत्रुओं का नाश करने वाला है। चन्द्रमा से द्वितीय भाव में सुनफा योग बनने पर जो गुणधर्म बताए गए हैं की ऐसा जातक साहसी, धनी और प्रतिद्वंदियों से युक्त होगा इस पत्रिका पर लगते हैं। साथ ही बृहस्पति का द्वितीय भाव में होना प्रसिद्धि, धन और राजा का प्रिय बनाता है।
यहाँ पर सिर्फ सुनफा योग का विश्लेषण किया गया।