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Ganesh Ji Ke 8 Avatar

Ganesh Ji Ke 8 Avatar-गणेश जी के 8 अवतार

Posted on September 19, 2023September 29, 2023 by santwana

गणेश जी को भगवान गणेश, गणपति, विनायक या विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता हैं। उन्हें हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण देवता (Ganesh Ji Ke 8 Avatar) के रूप में पूजा जाता है। गणेश जी को भक्ति, विद्या और समृद्धि के देवता के रूप में पूजे जाता है।
उन्हें “विघ्नहर्ता” अर्थात विघ्नों को हरने वाला कहते है, जो किसी भी काम या क्रिया में आने वाली कठिनाइयों और विघ्नों को दूर करने में मदद करते हैं। गणेश जी को सबसे पहले “विघ्नहर्ता” के रूप में पूजने की परंपरा है, ताकि उनकी कृपा से सभी विघ्नों से मुक्ति मिले।

भगवान गणेश के अनेक अवतार हुए हैं पर उसमें से आठ अवतार (Ganesh Ji Ke 8 Avatar) प्रमुख हैं – वक्रतुण्ड, एकदन्त, महोदर, गजानन, लम्बोदर, विकट, विघ्नराज और धूम्रवर्ण। गणेश पुराण में भी सूतजी ने शौनक जी को गणेश जी 8 अवतारों का वर्णन किया है जो की निम्न हैं ।

विषय-सूचि
  1. Ganesh Ji Ke 8 Avatar-गणेश जी के 8 अवतार
    • Vakratund-वक्रतुण्ड
    • Ekdant-एकदन्त
    • Mahodar-महोदर
    • Gajanan-गजानन
    • Lambodar-लम्बोदर
    • Vikat-विकट
    • Vighnaraj-विघ्नराज
    • Dhumravarn-धूम्रवर्ण
  2. Ganesh Ji Stuti Mantra

Ganesh Ji Ke 8 Avatar–गणेश जी के 8 अवतार

Vakratund-वक्रतुण्ड

वक्रतुण्डावताराश्च देहानां ब्रह्मधारकः। 

मत्सरासुरहन्ता सः सिंहवाहनः स्मृतः।। 

हे  शौनक ! भगवान गणेश का वक्रतुंड अवतार देह ब्रह्म का धारक है। उनके द्वारा मत्सरासुर का संहार हुआ था। वे भगवान सिंह पर आरूढ़ होने वाले कहे गए हैं। 

Ganesh Ji Ke 8 Avatar Vakratund
Ganesh Ji Ke 8 Avatar

Ekdant-एकदन्त

एकदन्तावतारो वै देहिनां ब्रह्मधारकः। 

मदासुरस्य हन्ता स आखुवाहनगः स्मृतः।। 

एकदन्त संज्ञक अवतार देही ब्रह्म को धारण करने वाला और मदासुर का संहारक है। हे शौनक उनका वाहन मूषक कहा जाता है। 

Mahodar-महोदर

महोदर इति ख्यातो ज्ञान ब्रह्म प्रकाशकः। 

मोहासुरस्य शत्रुवै आखुवाहनगः स्मृतः।। 

हे शौनक महोदर नाम से विख्यात गणेश जी का अवतार ज्ञान ब्रह्म का प्रकाश करने वाला है। उन मूषक वाहन को मोहासुर का वध करने वाला कहा जाता है। 

Gajanan-गजानन

गजाननः स विज्ञेयः सांख्येभ्यः सिद्धिदायकः। 

लोभासुरप्रहर्ता वै आखुगश्च प्रकीर्तितः।। 

हे शौनक गणेश जी का जो अवतार गजानन नाम से जाना जाता है वह सांख्य योगियों के लिए सिद्धि देने वाला है। क्योंकि वह सांख्य ब्रह्म का धारक है। उस अवतार में उन्होंने लोभासुर का विशेष रूप से संहार किया। उस अवतार को भी विद्वान् लोग मूषक वाहन कहते हैं। 

Lambodar-लम्बोदर

लम्बोदरावतारो वै क्रोधासुरनिवर्हणः। 

शक्तिब्रह्माखुगः सत् तत् धारक उच्चयते।। 

हे शौनक लम्बोदर नामक अवतार में गणेश जी ने क्रोधासुर का संहार किया है। यह अवतार ब्रह्म की सत्य स्वरूपा शक्ति का धारक कहा गया है। इसमें भी उनका वाहन मूषक रहा। 

Vikat-विकट

विकटो नाम विख्यातः कामासुरविदारकः। 

मयूरवाहनाश्चायं सौरब्रह्मधरः स्मृतः।। 

हे शौनक गणेश जी के विकट अवतार द्वारा कामासुर का संहार हुआ। ये प्रभु सौरब्रह्म को धारण करने वाले मयूरवाहन कहे जाते हैं। 

Ganesh Ji Ke 8 Avatar Vikat
Ganesh Ji Ke 8 Avatar Vikat

Vighnaraj-विघ्नराज

विघ्नराजावतारश्च शेषवाहन उच्यते। 

ममतासुरहन्ता स विष्णुब्रह्मेति वाचकः।। 

हे शौनक भगवान गणपति का जो विघ्नराज नामक अवतार है वह शेषवाहन कहा जाता है। वह ममतासुर का संहारक और विष्णु-ब्रह्मा का वाचक है। 

Ganesh Ji Ke 8 Avatar Vighnraj
Ganesh Ji Ke 8 Avatar Vighnraj

Dhumravarn-धूम्रवर्ण

धूम्रवर्णावताराश्चाभिमानासुरनाशकः। 

आखुवाहनश्चासौ शिवात्मा तु स उच्यते।। 

हे शौनक गणेश जी का धूम्रवर्ण नामक जो अवतार हुआ उसके द्वारा अभिमान नामक असुर का नाश हुआ था। वे प्रभु शिव ब्रह्म स्वरूप एवं मूषक वाहन कहे जाते हैं। 

Ganesh Ji Stuti Mantra

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥

घुमावदार सूंड वाले, विशाल शरीर काय, करोड़ सूर्य के समान महान आभा है ।
हमेशा मेरे सारे कार्य हमेशा बिना विघ्न के संपन्न हो, हे देव ऐसी कृपा करें।

ॐ गजाननं भूंतागणाधि सेवितम्, कपित्थजम्बू फलचारु भक्षणम्।
उमासुतम् शोक विनाश कारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम्॥

हे हाथी के मुख वाले, भूत गणों के द्वारा सेवा किए जाने वाले, आप कपिथा (कैथा) जाम्बु /जामुन को चाव से ग्रहण करने वाले हैं। उमा अर्थात पार्वती जी के पुत्र ,आप समस्त दुखो को समाप्त करते हैं। मैं विघ्न को दूर करने वाले श्री गणेश जी के चरण कमल को नमन करता हूँ।

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Category: Sprituality Hindi

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