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12 rashiyan

Kundali Ki 12 Rashiyan Aur Unka Vargikaran- कुंडली की 12 राशियों का वर्गीकरण

Posted on November 29, 2022October 3, 2023 by santwana

Rashiyan-राशि

भचक्र(Zodiac) में सभी ग्रह स्थित हैं। इस भचक्र को 30 अंश के द्वादश (बारह)  समान भागों में विभक्त किया गया है प्रत्येक 30 का अंश एक राशि(Rashi) कहलाता है। इनका नामकरण उसमें स्थित प्रसिद्ध तारामंडल के आधार पर किया गया है।

भचक्र अपनी धुरी पर दिन में एक बार पूर्व से पश्चिम की ओर घूम जाता है। ऐसा पृथ्वी का अपनी धुरी पर 24 घंटे में एक बार घूमने के कारण प्रतीत होता है।

Table Of Contents
  1. Rashiyan-राशि
    • भचक्र(Zodiac)
  2. 12 Rashiyan Aur Unke Swami-12 राशियां और उनके स्वामी
  3. Rashiyon Ke Vibhinn Vargikaran-राशियों का वर्गीकरण 
    • Prakriti Ke Adhar Par Rashiyan-राशियों की प्रकृति के आधार पर राशियां
      • Char Rashi/Movable Sign-चर राशि
      • Achar Rashi/Fixed Sign-अचर राशि
      • Dwiswabhav Rashi/Dual Sign-द्विस्वभाव राशि
    • Tatvon Ke Adhar Par Rashiyan-तत्वों के आधार पर राशियां
      • Fire Sign-अग्नि तत्व राशि
      • Earth Sign-पृथ्वी तत्व राशि
      • Air Sign-वायु तत्व राशि
      • Water Sign-जल तत्व राशि
    • Sam Visham Rashiyan-सम विषम राशियां
    • Stri Purush Rashiyan-स्त्री पुरूष राशियां
    • Rashiyon Ki Dishayen-राशियों की दिशाएं
    • Ayurved Prakriti Ke Anusar Rashiyan-आयुर्वेद प्रकृति के अनुसार राशियां
    • Ratri Diwabali Rashiyan-रात्रि/दिवाबली राशियां
      • दिवाबली राशियां
      • रात्रिबली राशियां
    • Rahshiyon ke Varn-राशियों के वर्ण
    • Rashiyon Ke Paad Ke Anusar Vargikarn-राशियों का पाद के अनुसार वर्गीकरण
      • द्विपद राशियां
      • चतुष्पद राशियां
      • अपद राशि
      • बहुपद राशि
    • Sheershoday/Prishthoday Rashiyan-शीर्षोदय/पृष्ठोदय राशियां
      • शीर्षोदय राशियां
      • पृष्ठोदय राशियां
      • उभयोदय राशि
  4. Reference Books-संदर्भ पुस्तकें

भचक्र(Zodiac)

भारतीय ज्योतिष में पृथ्वी को ही सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का केंद्र माना गया है। इसलिए ही सूर्य का काल्पनिक परिक्रमा पथ जो वस्तुतः पृथ्वी का सूर्य की परिक्रमा का पथ है क्रांतिवृत्त(Eclliptic) कहलाता है।

इसी 360 के क्रांतिवृत्त के दोनों ओर 9-9 अंश विस्तार की कुल 18 अंश की पट्टी है जिसे भचक्र(Zodiac) कहते हैं। 

भचक्र में कुल बारह राशियां हैं 

  1. मेष (Aries) 0°-30°
  2. वृषभ (Taurus)  30°-60°
  3. मिथुन (Gemini) 60°-90°
  4. कर्क(Cancer) 90°-120°
  5. सिंह (Leo)120°-150°
  6. कन्या (Virgo) 150°-180°
  7. तुला (Libra) 180°-210°
  8. वृश्चिक (Scorpion) 210°-240°
  9. धनु (Sagittarius) 240°-270°
  10. मकर(Capricorn) 270°-300°
  11. कुम्भ(Aquarius) 300°-330°
  12. मीन(Pisces) 330°-360°

इन्हीं 12 राशियों को जन्म कुंडली पर दर्शाया जाता है। पूर्व दिशा में जो राशि उदित हो रही होती है उसे जन्म कुंडली का प्रथम भाव /पहला घर (First House) या लग्न कहते हैं। वामावर्त(anticlockwise) गिनने पर पहले घर से दूसरा घर द्वितीय, उसके उपरांत तृतीय, चतुर्थ, पंचम, षष्ठम, सप्तम, अष्टम, नवम, दशम, एकादश और द्वादश भाव होते हैं।

Janm KUndali
Janm KUndali

12 Rashiyan Aur Unke Swami-12 राशियां और उनके स्वामी

12 rashiyan aur unke swami
12 Rashiyan Aur Unke Swami

Rashiyon Ke Vibhinn Vargikaran-राशियों का वर्गीकरण 

राशियों को उनकी विशेषताओं के अनुसार निम्नलिखित ढंग से वर्गीकृत किया गया है 

Prakriti Ke Adhar Par Rashiyan-राशियों की प्रकृति के आधार पर राशियां

प्रकृति के आधार पर राशियों को चर, अचर और द्विस्वभाव राशियों के वर्गीकृत किया गया है।

Char Achar  Dwiswabhav Rashi

Char Rashi/Movable Sign-चर राशि

मेष,कर्क,तुला और मकर चर राशियां होती हैं। चर का अर्थ होता है चलायमान होना। जिन जातकों का लग्न/चन्द्रमा चर राशि में होता है ऐसे लोगों को जीवन में बदलाव पसंद होते हैं। ये लोग हमेशा सक्रिय रहना पसंद करते हैं। इन्हें यात्रा करना पसंद होता है। ये जल्दी निर्णय लेते हैं।

Achar Rashi/Fixed Sign-अचर राशि

वृषभ,सिंह,वृश्चिकऔर कुम्भ अचर राशि होती हैं। अचर का अर्थ होता है-स्थिर। अचर राशि वाले जातकों को परिवर्तन बहुत ज्यादा पसंद नहीं होते हैं। यह एक निश्चित तरीके से सोचते और कार्य करते हैं। ये जल्दी निर्णय नहीं लेते हैं।

Dwiswabhav Rashi/Dual Sign-द्विस्वभाव राशि

मिथुन,कन्या,धनु और मीन द्विस्वभाव राशि होती हैं। ये बुद्विमान होते हैं। इन्हें नई चीजें जानना समझना पसंद होता है। ये अक्सर सही गलत के विषय में इतना सोचते हैं की अनिर्णय की स्थिति में रहते हैं। ये हसमुख स्वाभाव के होते हैं और विभिन्न विषयों में रूचि रखते हैं।

Tatvon Ke Adhar Par Rashiyan-तत्वों के आधार पर राशियां

तत्वों के आधार पर राशियों को अग्नि तत्व राशि, पृथ्वी तत्व राशि, वायु तत्व राशि और जल तत्व राशियों में वर्गीकृत किया गया है।

Tatvon Ke Adhar Par Rashiyan

Fire Sign-अग्नि तत्व राशि

अग्नि तत्व राशि के जातक सक्रिय,आक्रामक,साहसी,प्रभवशाली और शक्तिशाली,अच्छे लीडर ,प्रशाशनिक गुणों वाले होते हैं। मेष,सिंह और धनु अग्नि तत्व राशि हैं।

Earth Sign-पृथ्वी तत्व राशि

भूमि तत्व राशि वाले जातक व्यवहारिक,जमीन से जुड़े हुए,दिखावे से दूर,सावधानीपूर्वक कार्य करने वाले,पैसे की अच्छी समझ वाले होते है। वृषभ,कन्या और मकर पृथ्वी तत्व राशि हैं।

Air Sign-वायु तत्व राशि

वायु तत्व राशि वाले जातक बुद्धिमान,लापरवाह,खुशमिजाज,सामाजिक,जीवन का आनंद लेने वाले होते है। मिथुन ,तुला और कुम्भ वायु तत्व राशि हैं।

Water Sign-जल तत्व राशि

जल तत्व राशि वाले जातक संवेदनशील,भावुक,प्रेम प्रदर्शित करने वाले,कलात्मक,प्रकृति प्रेमी और आध्यात्मिक होते हैं। कर्क,वृश्चिक और मीन जल तत्व राशि हैं।

Sam Visham Rashiyan-सम विषम राशियां

Stri Purush Rashiyan-स्त्री पुरूष राशियां

सम राशि को स्त्री राशि तथा विषम राशि को पुरुष राशि कहते हैं।

Stri Purush Rashiyan-स्त्री पुरूष राशियां

Rashiyon Ki Dishayen-राशियों की दिशाएं

बारह राशियों को चार दिशाओं में वर्गीकृत किया गया है।

Rashiyon Ki Dishaye

Ayurved Prakriti Ke Anusar Rashiyan-आयुर्वेद प्रकृति के अनुसार राशियां

Ayurved Prakriti Ke Anusar Rashiyan

Ratri Diwabali Rashiyan-रात्रि/दिवाबली राशियां

कुछ राशियां रात में बली होती हैं तो कुछ दिन में बली होती हैं।

Ratri Diwabali Rashiyan-रात्रि/दिवाबली राशियां

दिवाबली राशियां

वो राशियां जो दिन के समय बली होती हैं उन्हें दिवाबली राशियां कहते हैं।

रात्रिबली राशियां

वो राशियां जो रात्रि के समय बली होती हैं उन्हें रात्रिबली राशियां कहते हैं।

Rahshiyon ke Varn-राशियों के वर्ण

बारह राशियों को चार वर्णों ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र में विभक्त किया गया है।

Rashiyon Ke Paad Ke Anusar Vargikarn-राशियों का पाद के अनुसार वर्गीकरण

Rashiyon Ke Paad Ke Anusar Vargikarn

द्विपद राशियां

वे राशियां जिनकी आकृति मनुष्य के समान है वे द्विपद राशियों में आती हैं क्योंकि मनुष्य के दो पैर होते हैं। द्विपद राशियों में मिथुन,तुला, कन्या,कुम्भ और धनु राशि का पूर्वार्ध आता है। हम जानते हैं कि मिथुन,तुला, कन्या,कुम्भ राशि में मनुष्य की आकृति बनती है इसलिए ये राशियां द्विपद राशि में आती हैं।
धनु का पूर्वार्ध इसलिए आता है क्योंकि धनु राशि आधा भाग मनुष्य का और पिछला भाग घोड़े का होता है। अतः शुरूवात का आधा भाग ही द्विपद राशि में आता है।

चतुष्पद राशियां

मेष,वृषभ,सिंह,मकर और धनु राशि का उत्तरार्ध चतुष्पद राशि में आता है। मेष राशि में मेढा या भेडा की आकृति बनती है,वृषभ में बैल की ,सिंह में शेर की,मकर में बकरी की और धनु राशि का उत्तरार्ध घोड़े की आकृति बनाता है। ये सभी जीव चार पैरों वाले होते हैं। अतः ये चतुष्पद में आते हैं।

अपद राशि

कुम्भ और मीन राशि अपद राशि में आते हैं क्योंकि इनके पैर नहीं होते हैं।

बहुपद राशि

कर्क और वृश्चिक राशि बहुपद में आते हैं। कर्क राशि की आकृति केकड़े की है जबकि वृश्चिक राशि की आकृति बिच्छू की है। इनके कई पैर होते हैं इसलिए ये बहुपद में आते हैं।

Sheershoday/Prishthoday Rashiyan-शीर्षोदय/पृष्ठोदय राशियां

Sheershoday/Prishthoday Rashiyan

शीर्षोदय राशियां

वे राशियां जिनके उदित होते समय उनका सिर अर्थात शीर्ष वाला भाग पहले आता है उन्हें शीर्षोदय राशि कहते हैं। मिथुन,सिंह,कन्या,तुला,वृश्चिक और कुम्भ शीर्षोदय राशियां हैं।

पृष्ठोदय राशियां

वे राशियां जिनके उदित होते समय पहले उनका पिछला भाग आता है उन्हें पृष्ठोदय राशि कहते हैं। मेष,वृष,कर्क,धनु और मकर राशि पृष्ठोदय राशियों में आती हैं।

उभयोदय राशि

वे राशि जिनके उदित होते समय यह निर्धारण करना संभव नहीं कि उदित होते समय उनका कौन सा भाग पहले आ रहा उन्हें उभयोदय राशि कहते हैं। मीन राशि की आकृति में दो मछलियाँ विपरीत दिशा में हैं। अतः यह कहना संभव नहीं होता की शीर्ष किस तरफ है। अतः मीन राशि उभयोदय में आती है।

Reference Books-संदर्भ पुस्तकें

  • Brihat Parashara Hora Shastra –बृहत पराशर होराशास्त्र
  • Phaldeepika (Bhavartha Bodhini)–फलदीपिका
  • Saravali–सारावली
Category: Astrology Hindi

2 thoughts on “Kundali Ki 12 Rashiyan Aur Unka Vargikaran- कुंडली की 12 राशियों का वर्गीकरण”

  1. Sudhirr Salluja says:
    April 29, 2023 at 10:24 am

    Very useful contents

    Reply
    1. santwana says:
      April 29, 2023 at 10:52 am

      Thanks for appreciation

      Reply

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