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कैसे जाने अपना लग्नेश और ईष्ट देव-Lagnesh and Ishta Devta

Posted on August 20, 2021February 23, 2024 by santwana
विषय-सूचि
  1. Lagnesh And Ishta Devta-कैसे जाने अपना लग्नेश (मुख्य ग्रह) और ईष्ट देव 
  2. Lagnesh Table
  3. Mesh Lagna-मेष लग्न 
  4. Vrishab Lagna-वृषभ लग्न 
  5. Mithun Lagna-मिथुन लग्न 
  6. Kark Lagna-कर्क लग्न 
  7. Singh Lagna-सिंह लग्न 
  8. Kanyana Lagna-कन्या लग्न 
  9. Tula Lagna-तुला लग्न 
  10. Vrishchik Lagna-वृश्चिक लग्न 
  11. Dhanu Lagna-धनु लग्न 
  12. Makar Lagna-मकर लग्न 
  13. Kumbh Lagna-कुम्भ लग्न 
  14. Meen Lagna-मीन लग्न 
  15. Reference Books-संदर्भ पुस्तकें

Lagnesh And Ishta Devta-कैसे जाने अपना लग्नेश (मुख्य ग्रह) और ईष्ट देव 

ग्रह हमारे जीवन पर विशेष प्रभाव डालते हैं। वैसे तो सभी नवग्रह हमारे जीवन पर कुछ न कुछ प्रभाव डालते हैं परन्तु हर किसी की कुंडली में एक ग्रह ऐसा होता है जो उस व्यक्ति के जीवन पर सबसे ज्यादा प्रभाव डालता है वह ग्रह है हमारा लग्नेश।

यदि आपको अपना लग्नेश या मुख्य ग्रह पता हो तो आप अपना जीवन काफी बेहतर बना सकते हैं। किसी व्यक्ति का लग्नेश उस व्यक्ति के ऊपर सबसे ज्यादा प्रभाव डालने वाला ग्रह होता है।

 यदि किसी को अपना लग्नेश पता हो तो वह व्यक्ति अपने जीवन की कठनाइयों का सामना आसानी से कर सकता है। यदि आप कभी भी जीवन में बहुत ज्यादा कठिनाइयों का सामना कर रहे हो तो केवल अपने लग्नेश या मुख्य ग्रह के ही उपाय कर लें तो जीवन का बड़े से बड़ा दुर्भाग्य को दूर कर सकते हैं। 

Lagnesh-लग्नेश

लग्नेश हमारी कुंडली का सबसे प्रमुख ग्रह होता है क्योंकि यह ही हमारे व्यक्तित्व का निर्धारण करता है। यह हमारे भौतिक शरीर को दर्शाता है। यही हमारे स्वाथ्य को दर्शाता है। हमारी कुंडली के बाकी ग्रहों का नेतृत्व हमारा लग्नेश ही करता है। यदि हमारी कुंडली के सभी ग्रह अच्छे भी हो परन्तु यदि लग्नेश कमजोर हो तो भी हमें जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है। 

यदि व्यक्ति का लग्नेश कमजोर हो तो बड़े से बड़ा राजयोग भी काम नहीं करता।

यदि किसी का लग्नेश अच्छा हो तो उस व्यक्ति का स्वास्थ्य बहुत अच्छा होता है ,उस व्यक्ति का व्यक्तित्व भी बहुत अच्छा होता है। ऐसे लोग जल्दी बीमार नहीं पड़ते और यदि पड़ते भी हैं तो बहुत जल्दी ठीक भी हो जाते हैं। 

यदि आपको कुंडली देखना न भी आता हो तो भी आप बहुत आसानी से अपना लग्नेश पता कर सकते है। इसके लिए आपको बस अपनी जन्म कुंडली चाहिए।

Navgrah Mantra

यदि कुंडली न भी हो तो भी यदि आपको अपनी जन्म तिथि, जन्म स्थान व जन्म समय पता हो तो आप फ्री सॉफ्टवेयर द्वारा अपनी कुंडली बना सकते हैं। 

आपकी जन्म-कुंडली आपके जन्म के समय आकाश में विद्यमान ग्रह नक्षत्रों की स्थिति का मानचित्र होती है। जब आप साफ्टवेयर द्वारा कुंडली निकालते हैं तो उसमें जो बाक्स जैसा बना होता है उसे ही जन्म कुंडली कहते हैं।

आपकी जन्म कुंडली के प्रथम भाव या पहले घर में 1 से 12 के बीच कोई अंक लिखा होता है जो कि आपके जन्म के समय प्रथम भाव में पड़ रही राशि को दर्शाता है। उस अंक को देखकर आप अपनी जन्म लग्न व लग्नेश जान सकते हैं। 

Ishta Dev-इष्ट देव

प्रत्येक व्यक्ति के लग्न के अनुसार किसी विशेष देवी या देवता की पूजा या उपासना करना उस लग्न के लोगों के लिए शुभ होता है। इसे ही कई विद्वान कुंडली के अनुसार इष्ट देव भी कहते है। लग्न के अनुसार देवी या देवता की उपासना करने से हमारा लग्नेश अथवा मुख्य ग्रह () मजबूत होता है।

प्रथम भाव में पड़ रही राशि आपका जन्म लग्न और उसका स्वामी आपका लग्नेश होता है। निम्न तालिका द्वारा आप अपनी जन्म लग्न व लग्नेश जान सकते हैं।

Lagnesh Table

Lagna And Lagnesh Table
Lagna And Lagnesh Table

यदि आपकी जन्म कुंडली के प्रथम भाव में 1 नम्बर लिखा है तो आपकी जन्म राशि या लग्न मेष हुआ और लग्नेश मंगल होगा।  इसी प्रकार आप तालिका देखकर अपना लग्न व लग्नेश जान सकते हैं।

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अब यदि आप अपना लग्न और लग्नेश जान चुके हैं तो आप उसके अनुसार निम्न उपाय कर सकते हैं।

Mesh Lagna-मेष लग्न 

यदि आप मेष लग्न के जातक हैं तो आपका लग्नेश मंगल होगा। आपके इष्ट देव हनुमान जी होंगे। 

मेष लग्न के लिए मंगल, सूर्य, चन्द्रमा और बृहस्पति मित्र माने जाते हैं , बुध और शुक्र शत्रु माने जाते हैं और शनि सम या साधारण होता है। 

मेष लग्न के जातक मध्यम हाइट के होते हैं। माथा चौड़ा तथा चेहरे पर लालिमा रहती है। ये लोग साहसी और आत्मविश्वाशी होते हैं  परन्तु उग्र स्वभाव के होते हैं। यदि मंगल दूषित न हो तो इन लोगों पर आंखें मूंदकर कर विश्वास किया जा सकता है।मेष लग्न के जातक नये प्रयोग करना पसंद करते हैं ,यात्रा ,संगीत और नेतृत्व का शौक होता है। इस लग्न के लोग कानून ,तकनीकी और सेना आदि क्षेत्रों में सफल होते हैं। ये लोग पित्त प्रवृत्ति के होते हैं। 

मेष लग्न के जातकों में अहंकार जल्दी आ जाता है। इन्हें क्रोध बहुत आता है। घर और सेटल होने में समय लगता है ,एक संतान या कम संतान होती हैं , चेहरे पर चोट का निशान होता है। इस लग्न के लोगों के साथ दुर्घटना  होती रहती हैं। लोगों को  सिरदर्द और सर में चोट की सम्भावना रहती है। इस लग्न के जातकों में धैर्य का अभाव होता है और कई बार जल्दीबाजी में गलत निर्णय ले लेते हैं। 

उपाय

  • ॐ हनुमंताय नमः। या ॐ अं अंगारकाय नमः। का जप करें।
  • धातु तांबा रिंग फिंगर में या तांबे का कड़ा पहनें।
  • मेष लग्न वाले लोगों को बड़ों या गुरु की सलाह से काम करना चाहिए। 
  • सूर्य को अर्घ्य देने का नियम जीवन पर्यन्त बनाना चाहिए। 
  • योग्य ज्योतिषी की सलाह लेकर मूंगा या पुखराज धारण कर सकते हैं। 
  • काले और हरे रंग का परहेज करना चाहिए। 

Vrishab Lagna-वृषभ लग्न 

यदि आप वृषभ लग्न के जातक हैं तो आपका लग्नेश शुक्र ग्रह होगा। आपके लिए माँ लक्ष्मी या पार्वती माँ की पूजा करना अच्छा रहेगा।

वृषभ लग्न शुक्र का  लग्न है और पृथ्वी तत्व की राशि है।वृषभ लग्न के जातक के लिए शुक्र बुध और शनि मित्र होते हैं। चन्द्रमा ,मंगल और बृहस्पति शत्रु और  सूर्य सम माने जाते हैं। 

इनके शरीर का डील-डौल अच्छा होता है।ये लोग गंभीर और बुद्धिमान होते हैं।इन लोगों को सुंदर दिखना पसंद होता है और ये लोग सुंदरता की ओर आकर्षित भी होते हैं। इन्हें साफ सफाई पसंद होती है। यदि दूसरा भाव दूषित न हो तो इनकी वाणी बहुत सौम्य होती है।ये अच्छे लेखक और वक्ता होते है। दृढ़ निश्चयी होते है। शासन ,चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में सफल होते हैं। धैर्यवान और सहनशील होते हैं।करुण -हृदय और क्षमाशील होते हैं। ये लोग कफ प्रधान स्वास्थ्य वाले होते हैं।

थोड़े आलसी और मूडी प्रवृत्ति के होते हैं।जल्दी शादी होने पर दिक्क़त होती है। कभी -कभी जिद्दी और हिंसक हो जाते हैं। कभी-कभी कामुकता भी ज्यादा हो जाती है। लालच और खाने के चककर में अपना स्वास्थ्य ख़राब कर लेते हैं। 

उपाय

  • अर्गला स्तोत्र का पाठ या ॐ शुं शुक्राय नमः। का जप करें।
  • सरपोखा की जड़ सफेद रंग के धागे में पहनें। 
  • धातु अंगूठे में चांदी का छल्ला शुक्रवार के दिन धारण करें ।
  • नियमित रूप से भगवान शिव या दुर्गा जी की पूजा करें।
  • जीवन में अनुशाशन बनाये रखें 
  • सलाह से पन्ना धारण करें।
  • सोने और पीले रंग का परहेज करें।

Mithun Lagna-मिथुन लग्न 

यदि आप मिथुन लग्न के जातक हैं तो आपका लग्नेश बुध होगा। आपके लिए माँ दुर्गा या सरस्वती जी की पूजा करना अच्छा रहेगा।

बुध का लग्न वायु तत्व प्रधान होता है। मिथुन लग्न के लिए बुध, शुक्र और शनि मित्र ,सूर्य और मंगल परम शत्रु ,बृहस्पति और चन्द्रमा सम होते हैं।

मिथुन लग्न के लोग ज्यादातर लम्बे कद के होते हैं। आँखे बड़ी और सुन्दर होती हैं। ये लोग अत्यंत बुद्धिमान और तेज दिमाग के होते हैं। दार्शनिक और हरफनमौला होते है। हाजिरजवाब और अच्छे वक्ता होते हैं। ये लोग अच्छे लेखक, वक्ता ,ज्योतिषी और तर्कशास्त्री होते हैं। विपरीत लिंग के लोग इनकी तरफ जल्दी आकर्षित होते हैं। कभी कभी खुराफाती दिमाग वाले होते हैं।

वायु प्रकृति प्रधान स्वास्थ्य होता है।आलसी होते हैं और शारीरिक श्रम नहीं करना चाहते हैं।इनका स्नायु तंत्र या nervous सिस्टम संवेदनशील होता है। बुढ़ापे मे अक्सर neuro problem हो जाती है। बच्चों के ऊपर काफी पैसा खर्च होता है और पारिवारिक जिम्मेदारी नहीं उठाना चाहते। दिमाग जल्दी स्थिर नहीं होता। दिमाग में हमेशा ख्याल चलते रहते हैं। अक्सर दुविधा का शिकार हो जाते हैं।

उपाय

  • मिथुन लग्न के जातक  ऊँ दुं दुर्गायै नमः। या ॐ बुं बुधाय नमः।  का जप करें।
  • हरी सब्जियों और पालक का सेवन करें।
  • विधारा की जड़ पहनें। 
  • तांबा अनामिका अंगुली में बुधवार के दिन धारण करें।
  • नियमित रूप से सूर्य भगवान को अर्घ्य दें। 
  • गहरा ध्यान और मंत्र जप करें।
  • किसी योग्य ज्योतिषी से अपनी कुंडली का विश्लेषण करा कर पन्ना,ओपल या हीरा पहन सकते हैं।
  • लाल रंग न पहने। सफ़ेद और हरा रंग शुभ। 
  • विष्णु भगवान की उपासना करें।

Kark Lagna-कर्क लग्न 

यदि आप कर्क लग्न के जातक हैं तो आपका लग्नेश चंद्रमा होगा। शिव जी या मां दुर्गा आपकी ईष्ट होंगे।

यह जल तत्व की राशि है।कर्क लग्न के लिए सूर्य, चन्द्रमा, बृहस्पति और मंगल मित्र ,बुध और शनि परम शत्रु ,शुक्र सम होंगे।

ये लोग मध्यम कद के तथा गोल-मटोल होते हैं।इनके चेहरे पर तेज होता है तथा भावुक होते हैं।

ये लोग दूसरों की परवाह करते हैं और घर के आस पास रहना पसंद करते हैं। इन लोगों की कल्पना और कला की शक्ति काफी अच्छी होती है।ये आध्यात्मिक होते हैं और intutional पावर होती है। शिक्षा ,ज्ञान और राजनीती के क्षेत्र में सफल होते है। प्रसद्धि मिलती है। 

कफ और पित्त से मिला जुला स्वास्थ्य होता है।काम के बाद आराम की आदत होती है।पेट की समस्या ,मानसिक समस्या की सम्भावना ज्यादा होती है। आमतौर पर वैवाहिक जीवन अच्छा नहीं होता। इन्हें देर से शादी करनी चाहिए। संतान से वाद-विवाद रहता। ये लोग निर्णय लेने में भावनात्मक हो जाते हैं। कभी-कभी अत्यधिक भावुक ,क्रोधी और ईर्ष्यालु हो जाते हैं। सबके साथ होने के बावजूद अकेला महसूस करते हैं। 

उपाय

  • ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः। या ॐ नमः शिवाय का जप करें।
  • कनिष्ठा उंगली में चांदी का छल्ला धारण करें।
  • भगवान शिव की उपासना ,गहरा ध्यान करें और आध्यत्मिक पथ पर चलें। 
  • भावनाओं पर नियंत्रण करें। 
  • विवाह विलम्ब से करें। मूंगा सलाह से।
  • लाल ,पीला और सफ़ेद रंग शुभ है, हरे रंग का प्रयोग कम करें।
  • यदि मानसिक समस्या हो तो गम्भीरता से लें।चिकत्सीय सलाह लें। 
  • विवाह में समस्या आ रही हो तो शिव जी और माता पार्वती का पूजन करें। 
  • रसीले फल और छेना का सेवन करें।

Singh Lagna-सिंह लग्न 

यदि आपका लग्न सिंह है तो आपका लग्नेश सूर्य होगा। आपके लिए सूर्य देव या गायित्री माँ की उपासना करना अच्छा रहेगा।

यह अग्नि तत्व की राशि है।सिंह लग्न के लिए सूर्य ,मंगल बृहस्पति मित्र बुध, शुक्र और शनि परम शत्रु तथा चन्द्रमा सम भाव होता है।

ये लोग मजबूत डील-डौल वाले होते हैं तथा चेहरा मजबूत दिखता है। सामन्यतः सिंह लग्न के लोगों में नेतृत्व का गुण होता है। ये लोग उच्च पदों पर आसीन होते हैं या स्वयं का काम करते हैं।

कला ,अभिनय और संगीत में रुझान होता है। ये लोग धार्मिक और आध्यात्मिक होते हैं। ये लोग प्रेम ,काम और रिश्तों के मामले में वफादार होते हैं। करियर में शुरुवात में संघर्ष करना पड़ता है। सामान्यतः 36 साल में सफल होते हैं। ये लोग पित्त प्रधान होते हैं। 

सिंह लग्न वाले जातक बहुत ज्यादा काम करने के आदि होते हैं और दूसरों पर भी काम करने का दबाव बनाये रखते हैं। सहकर्मियों में इनके व्यवहार को लेकर असंतोष होता है। ये लोग थोड़े जिद्दी और कठोर स्वाभाव के होते हैं। अगर इन लोगों की जल्दी शादी हो तो वैवाहिक जीवन में समस्या आती है। संतान के साथ तालमेल बैठाने में समस्या होती है। रक्तचाप ,हड्डियों और आँखों की समस्या परेशान करती है। 

उपाय

  • नियमित रूप से भगवान सूर्य की उपासना करें।
  • गायित्री मंत्र या ॐ घृणिः सूर्याय नमः। का जप करें।
  • बेल के पेड़ की जड़ को लाल रंग के कपड़े में लपेटकर रविवार के दिन पहनें।
  • धातु तांबे का छल्ला रिंग फिंगर में पहनें।
  • गुरु की शरण में रहें और उनकी की अवहेलना न करें। व्यवहार और वाणी को मधुर रखें। 
  • सहकर्मियों और संतान के साथ तालमेल बनाये। व्यर्थ के दुस्साहस का प्रदर्शन न करें।
  • सलाह लेकर मूंगा धारण करें। 
  • लाल,पीला और नारंगी रंग अनुकूल है। काले रंग का परहेज करें।

Kanyana Lagna-कन्या लग्न 

यदि आप कन्या लग्न के जातक हैं तो आपका लग्नेश बुध होगा।आपके लिए माँ दुर्गा या सरस्वती जी की पूजा करना अच्छा रहेगा।

कन्या लग्न पृथ्वी तत्व की राशि है। कन्या लग्न के जातक के लिए बुध शुक्र शनि मित्र,सूर्य चन्द्रमा मंगल शत्रु बृहस्पति सम भाव होता है।

सुन्दर होते हैं ,शारीरिक बनावट आकर्षक होती है। इन लोगों को अच्छे कपड़े पहनने का शौक होता है। छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखते है। साफ -सफाई का बहुत ध्यान रखते हैं।

सामान्यतः बुद्धिमान होते हैं और इन्हें ज्ञानार्जन का शौक होता है।इनकी बौद्धिक क्षमता अच्छी होती है और ये तार्किक होते हैं।ये अच्छे राजनीतिक और मैनेजर होते हैं।

अपनी बातें गोपनीय रखते हैं। इनके जीवन में जगह बनाना आसान नहीं होता है।ये लोग सबको एक साथ लेकर चलने वाले होते हैं।कन्या लग्न के लोग अच्छे सलाहकार होते हैं।

इनकी संगीत और कला में रूचि होती है। अच्छी वाणी और अच्छे स्वभाव के होते हैं।अलग -अलग तरीके के काम करने में मजा आता है। एक तरीके का काम नहीं कर सकते।

शिक्षा अच्छी होती है और कई तरीके की शिक्षा ग्रहण करते हैं। जीवन में 36 वर्ष के बाद ज्यादा सफल होते हैं। 

कभी-कभी इन लोगों का स्वभाव बड़ा विचित्र हो जाता है। तुरंत किसी बात के बारे में राय बनाने लगते हैं। सेहत में उतार -चढ़ाव लगा रहता है। पेट और स्नायु तंत्र की समस्या हो जाती है। वैवाहिक जीवन में समस्या आती है। संतान भी कठिनाइयों से होती है। सब कुछ परफेक्ट बनाना चाहते हैं और अक्सर अपना  आत्मविश्वाश खो बैठते है। 

उपाय

  • नियमित रूप से पूजा करें। किसी आध्यात्मिक गुरू की शरण में रहें।
  • ऊँ दुं दुर्गायै नमः। या ॐ बुं बुधाय नमः।  का नियमित रूप से जप करें।
  • ऐसे व्यक्ति से विवाह करें जो आध्यात्मिक हो। दूसरों को मुर्ख न बनाये।
  • करियर ,संपत्ति और धन के मामले गोपनीय रखें।
  • प्रेम और रिश्तों के मामले में सोच विचार के पड़े।
  • आंवले का सेवन करें।
  • हरी घास पर नंगे पाँव चलें।
  • सलाह लेकर हीरा या ओपल धारण करें। 

Tula Lagna-तुला लग्न 

यदि आप तुला लग्न के जातक हैं तो आपका लग्नेश शुक्र ग्रह होगा। आपके लिए माँ लक्ष्मी या पार्वती माँ की पूजा करना अच्छा रहेगा।

शुक्र का लग्न है। वायु तत्व प्रधान। बुध  ,शुक्र और शनि मित्र, बृहस्पति ,सूर्य और मंगल शत्रु ,चन्द्रमा सम होते हैं।  

सामन्यतः मध्यम कद के होते हैं। चेहरा तेजस्वी होता है। ये लोग सौंदर्यप्रिय और शौक़ीन स्वभाव के होते हैं। ये नेतृत्व और न्याय का गुण रखते हैं। कला ,कानून ,राजनीती और शिक्षा के क्षेत्र में सफल होते हैं। अच्छी पूजा उपासना और गहरा ध्यान कर सकते हैं। यात्रा ,मित्रों और पार्टियों के शौक़ीन होते हैं। जीवन के 36 से 48 वर्ष ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं। वात प्रधान प्रकृति के होते हैं। 

ये लोग बहुत मूडी स्वभाव के होते हैं। कब गुस्सा हो जाएं कब खुश हो जाएं नहीं पता होता। अपने आदर्शों के कारण कभी-कभी तानाशाह हो जाते हैं। दिखावे के चक्कर में अक्सर काफी धन खर्च कर बैठते हैं। दूसरों के लिए अपना नुकसान कर लेते हैं। संतान कम होती हैं। जीवनसाथी कठोर स्वभाव का होता है। पूजा उपासना और ध्यान के मामले में अक्सर लापरवाही करते हैं। 

उपाय

  • अर्गला स्तोत्र का पाठ  या ॐ शुं शुक्राय नमः। का जप करें।
  • सरपोखा की जड़ सफेद रंग के धागे में पहनें। 
  • अंगूठे में चांदी का छल्ला शुक्रवार के दिन धारण करें ।
  • यदि आपका तुला लग्न है तो पूजा उपासना और ध्यान में लापरवाही न करें। 
  • आय और व्यय में संतुलन बना कर रखें।
  •  दूसरों के चक्कर में अपना पैसा व समय न बर्बाद करें। सलाह लेकर नीलम धारण करें।
  •  सप्ताह में एक दिन अनाज का दान करें।
  •  लाल रंग का परहेज करें। 

Vrishchik Lagna-वृश्चिक लग्न 

यदि आप वृश्चिक लग्न के जातक हैं तो आपका लग्नेश मंगल होगा। आपके इष्ट देव हनुमान जी होंगे। 

मंगल का लग्न और जल तत्व की राशि है।मंगल,सूर्य ,चंद्र और बृहस्पति मित्र ,बुध शुक्र शत्रु ,शनि सम होता है।

ये लोग मध्यम या ऊँचे कद के होते हैं। इनके चेहरे पर थोड़ा क्रोध और लालिमा दिखाई पड़ता है। ये लोग बहुत बुद्धिमान ,ज्ञानी और पढ़ाकू होते हैं। ये लोग राजनीती ,चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में सफल होते हैं। इनके अंदर उपचार करने के और सलाह देने के गुण जन्मजात होते हैं। इन लोगों की संतान बुद्धिमान और गुणवान होती है। इनका जीवनसाथी कलाकार होता है और उसकी कला और संगीत में रूचि होती है। सामन्यतः रूढ़ियों और मान्यताओं को स्वीकार नहीं करते। जीवन में नई परम्परा के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं। ये लोग पित्त प्रधान प्रकृति के होते हैं। 

ये लोग गोपनीय स्वभाव के होते हैं। इनके मन की बात जानना बहुत कठिन होता है। मौका मिलने पर बदला जरूर लेते हैं। गुरु या आदर्श के साथ वैचारिक मतभेद हो जाता है। वैवाहिक जीवन में समस्या आती है। अक्सर ये लोग पढ़ाई कुछ करते हैं और बनते कुछ और हैं। इनका स्वभाव बहुत चिंता करने वाला होता है और ये लोग छोटी छोटी बातों पर परेशान हो जाते हैं। जीवन में अंतिम समय में अकेलापन रहता है।

उपाय

  • ॐ हनुमंताय नमः। या ॐ अं अंगारकाय नमः। का जप करें।
  • धातु तांबा रिंग फिंगर में या तांबे का कड़ा पहनें।
  • नियमित रूप से भगवान शिव की उपासना की आदत डालें। 
  • बदला लेने की आदत से दूर रहें।
  • रिश्तों में ईमानदार रहें।
  • विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण से बचें। 
  • काले रंग का परहेज करें। 

Dhanu Lagna-धनु लग्न 

यदि आप धनु लग्न के जातक हैं तो आपका लग्नेश बृहस्पति ग्रह होगा।आपके लिए विष्णु जी की उपासना करना अच्छा रहेगा।

यह बृहस्पति का लग्न है। अग्नि तत्व की राशि है।सूर्य ,मंगल और बृहस्पति मित्र ,बुध शनि और शुक्र शत्रु तथा चन्द्रमा सम होता है। 

ये लोग सामन्यतः मध्यम कद के होते हैं। इनके चेहरे पर ज्ञान और तेज होता है। ये लोग मेहनती ,स्वस्थ और सकारात्मक विचारों वाले होते हैं। ये लोग दार्शनिक,आध्यात्मिक  और विद्वान होते हैं। इन लोगों की लिखने, पढ़ने और बोलने में रूचि होती है। यात्राओं और लोगों से मिलने जुलने के शौक़ीन होते हैं। इनको सम्पत्ति का लाभ मिलता है और अच्छे घर में रहते हैं। जीवन में अपने कार्यों के लिए सम्मान अवश्य मिलता है। ये लोग कफ और पित्त प्रधान होते हैं। 

इस लग्न के लोग बहुत जल्दी उग्र और उत्तेजित हो जाते हैं। इनका वाणी पर नियंत्रण नहीं रहता। धन आता है पर खर्चों पर नियंत्रण नहीं कर पाते। किशोरावस्था में धन की कमी देखनी पड़ती है। भाई-बहनों और संतान से कष्ट की सम्भावना रहती है। इनका जीवनसाथी अक्सर इनके बौद्धिक स्तर का नहीं होता है। 

उपाय

  • हल्दी की माला से ॐ नारायण नमो नमः। या ॐ बृं बृहस्पतये नमः। या ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरूवे नमः। का जप कर सकते हैं।
  • हल्दी और केसर का तिलक और एक चुटकी हल्दी खाने का नियम बना लें।
  • धातु सोना का छल्ला तर्जनी उंगली में किसी भी बृहस्पतिवार के दिन धारण कर सकते हैं।
  • नियमित रूप से सूर्य देव की उपासना करें। 
  • किसी सदगुरु या मार्गदर्शक की सलाह माने। उच्चाधिकारियों के साथ सम्बन्ध ठीक रखे।
  • संतान का ध्यान रखें और उसे भटकने से बचाएं। सलाह लेकर माणिक्य धारण करें। विपरीत लिंग के साथ संबंधों में ख्याल रखें। 
  • पीले रंग का अधिक प्रयोग करें। भूरे रंग के प्रयोग से बचें। 

Makar Lagna-मकर लग्न 

यदि आप मकर लग्न के जातक हैं तो आपका लग्नेश शनि ग्रह होगा। आपके लिए भगवान श्री कृष्ण या भगवान शिव की उपासना करना अच्छा रहेगा।

यह शनि का लग्न होता है और पृथ्वी तत्व की राशि है।शनि ,बुध और शुक्र मित्र सूर्य ,चंद्र और बृहस्पति शत्रु और मंगल सम होता है।

मकर लग्न के लोग सामन्यतः लम्बे और दुबले होते हैं। इनके शरीर में हड्डियां साफ़ दिखाई पड़ती हैं। ये लोग बहुत महत्वाकांक्षी और करियर ओरिएंटेड होते हैं। धीरे -धीरे चलकर बड़ा लक्ष्य प्राप्त कर लेते हैं। ये कठिन से कठिन चुनौतयों को हल कर लेते हैं। इनके अंदर अच्छा मैनेजर और बॉस होता है। ये लोग घूमने फिरने के बहुत शौक़ीन होते हैं। कला और निर्देशन में रुझान होता है। जीवन के उत्तरार्ध में सफल होते हैं। वात प्रधान प्रकृति के होते हैं। 

ये लोग बहुत जल्दी निराश हो जाते हैं और अकेलापन महसूस करते हैं। इनको शुरुवात में शिक्षा और करियर में काफी संघर्ष करना पड़ता है। कबि-कभी बहुत ज्यादा स्वार्थी हो जाते हैं। ये लोग बहुत रूढ़िवादी होते हैं और प्राचीन मान्यताओं को मानते हैं। परिवार की ओर से कभी संतुष्ट नहीं होते और संतान से दुःख मिलता है। पैसे के मामले में कंजूस होते है। इन्हे उम्र बढ़ने के साथ आर्थराइटिस होने की सम्भावना रहती है। 

उपाय

  • आप ॐ शं शनैश्चराय नमः। या ॐ नमः शिवाय। का जप कर सकते हैं।
  • लोहे का छल्ला शनिवार के दिन मध्यमा उंगली में धारण करें।
  • नियमित रूप से खेल-कूद और व्यायाम करें। 
  • पूजा में लापरवाही न करें। 
  • दूसरों की सहायता और दान करते रहें। सलाह लेकर हीरा या ओपल पहनें। 
  • दूसरो की भावनाओं को समझने का प्रयास करें। बहुत जिद्दी होना ठीक नहीं है। 
  • जीवनसाथी को नियंत्रित करने का प्रयास न करें।
  • नीले रंग का प्रयोग ज्यादा करें और लाल रंग का परहेज करें। 

Kumbh Lagna-कुम्भ लग्न 

यदि आप कुंभ लग्न के जातक हैं तो आपका लग्नेश शनि ग्रह होगा। आपके लिए भगवान श्री कृष्ण या भगवान शिव की उपासना करना अच्छा रहेगा।

यह शनि का लग्न है और वायु तत्व की राशि है।बुध ,शुक्र और शनि मित्र ,सूर्य चन्द्रमा ,मंगल और बृहस्पति मित्र ,शुक्र परमयोगकारक होता है।

कुम्भ लग्न के लोग सामन्यतः दुबले होते हैं। इनकी आँखों में गम्भीरता होती है। ये लोग बड़े रहस्यमयी होते हैं  और अकेलापन पसंद करते हैं। ये लोग विनम्र और अच्छे स्वभाव के होते हैं। इनकी सोच वैज्ञानिक और तार्किक  होती है। ये लोग दार्शनिक और आध्यात्मिक स्वभाव के होते हैं। ये लोग संगठन में काम करना पसंद करते हैं और अपनी महानता का श्रेय लेना पसंद नहीं करते हैं। इनका स्वास्थ्य वात प्रधान होता है। 

आमतौर पर बचपन में स्वास्थ्य अच्छा नहीं रहता और युवावस्था, 32 वर्ष की आयु तक जीवन में काफी संघर्ष करना पड़ता है। वैवाहिक जीवन में समस्याएं रहती हैं जीवनसाथी हावी रहता है। इन लोगों को बहुत जल्दी अवसाद होने की सम्भावना रहती है। इन्हें घर के बाहर ज्यादा अच्छा लगता है। ये लोग अलग-अलग तरीकों से आध्यात्मिक मार्ग पर चलते हैं। 

उपाय

  • ॐ शं शनैश्चराय नमः। या ॐ नमः शिवाय। का जप कर सकते हैं।
  • लोहे का छल्ला शनिवार के दिन मध्यमा उंगली में धारण करें।
  • अनुशाषित जीवन जीने की आदत डालनी चाहिए। नियमित पूजा करें। 
  • नशे और अवसाद से बच कर रहना चाहिए। सलाह से नीलम या पन्ना पहने। 
  • सुगंध का प्रयोग करें। 
  • सफ़ेद रंग का प्रयोग ज्यादा करें। 

Meen Lagna-मीन लग्न 

यदि आप मीन लग्न के जातक हैं तो आपका लग्नेश बृहस्पति ग्रह होगा।आपके लिए विष्णु जी की उपासना करना अच्छा रहेगा।

यह बृहस्पति का लग्न है। जल तत्व प्रधान लग्न है। मंगल ,बृहस्पति,चन्द्रमा मित्र बुध शुक्र शनि शत्रु ,सूर्य सम भाव रखता है। 

मीन लग्न के लोग मध्यम कद के होते हैं। इनके चेहरे पर करुणा और प्रेम का भाव रहता है। ये बहुत संवेदशील ,उदार और भावुक होते हैं। ये लोग सामन्यतः धार्मिक होते है। इनके अंदर बहुत कल्पनाशीलता होती है। ये लोग प्रभावशाली स्थान पर होते हैं। ये लोग बहुत अच्छे लेखक ,अच्छे धर्मगुरु या शिक्षक बन सकते हैं। ये लोग बच्चों के साथ बहुत जल्दी घुल-मिल जाते हैं। ये लोग कफ प्रधान प्रकृति के होते हैं। 

कभी -कभी ये लोग बहुत ज्यादा भावुक हो जाते हैं और इनके अंदर ईर्ष्या आ जाती है। निर्णय लेने में दुविधा की स्थिति में रहते हैं। अक्सर इनके दो विवाह के योग बनते हैं। नशे के चक्कर में जल्दी पड़ जाते हैं। क्योंकि ये लोग बहुत उदार होते है इसलिए अक्सर लोग इन्हे नुक्सान पहुंचाते हैं। 

उपाय

  • हल्दी की माला से ॐ नारायण नमो नमः। या ॐ बृं बृहस्पतये नमः। या ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरूवे नमः। का जप कर सकते हैं।
  • हल्दी और केसर का तिलक और एक चुटकी हल्दी खाने का नियम बना लें। 
  • सोना का छल्ला तर्जनी उंगली में किसी भी बृहस्पतिवार के दिन धारण कर सकते हैं।
  • मीन लग्न के लोगों को अच्छी पुस्तकों  को बहुत पढ़ना चाहिए और  अच्छी बातों को अपने जीवन में उतारना चाहिए। 
  • नियमित रूप से रात को उपासना करनी चाहिए।
  • स्वयं डॉक्टर न बने। डॉक्टर की सलाह से ही दवाइयां लें।
  • सलाह लेकर मूंगा और मोती धारण करें। विवाह किसी आध्यात्मिक व्यक्ति से करें।
  • पानी के निकट रहना आपको लाभ देगा। पीले और सफ़ेद रंग का प्रयोग ज्यादा करें। 

Reference Books-संदर्भ पुस्तकें

  • Brihat Parashara Hora Shastra –बृहत पराशर होराशास्त्र
  • Phaldeepika (Bhavartha Bodhini)–फलदीपिका
  • Saravali–सारावली
Category: Astrology Hindi

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