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Navgrah Beej Mantra And Navgrah Gayitri Mantra -नवग्रह बीज मन्त्र द्वारा कैसे मजबूत करें अपना भाग्य

Posted on July 10, 2021February 23, 2024 by santwana
विषय-सूचि
  1. Jyotish Me Navgrah Kya Hai-ज्योतिष में नवग्रह क्या हैं
  2. Navgrah Beej Mantra Ka Jap Kaise Karen-नवग्रह बीज मन्त्र का जप कैसे करें
  3. Navgrah Ke Mantra
    • Surya Beej Mantra-सूर्य मंत्र
    • Chandrma Beej Mantra-चन्द्रमा मंत्र
    • Mangal Beej Mantra-मंगल मंत्र
    • Budh Beej Mantra-बुध मंत्र
    • Brihaspati Beej Mantra-बृहस्पति मंत्र
    • Sukra Beej Mantra-शुक्र मंत्र
    • Shani Beej Mantra-शनि मंत्र
    • Rahu Beej Mantra-राहु मंत्र
    • Ketu Beej Mantra-केतु मंत्र
  4. Navgrah Mantra Jap Se Sambhandhit Sawdhaniyan- नवग्रह मंत्र जप से सम्बंधित सावधानियां
  5. Navgrah Mantra-नवग्रह मंत्र
    • Navgrah Mantra Ka Arth- नवग्रह मंत्र अर्थ

Jyotish Me Navgrah Kya Hai-ज्योतिष में नवग्रह क्या हैं

ज्योतिष शास्त में नवग्रह(Navgrah) का विशेष महत्व है। सूर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, शुक्र, बृहस्पति,शनि, राहु और केतु को नवग्रहों की संज्ञा प्राप्त है। राहु और केतु को छोड़कर बाकी सात ग्रह सपिंड ग्रह हैं। राहु और केतु छाया ग्रह हैं।
इन नवग्रहों का मानव जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है।अपनी जन्म कुंडली के विश्लेषण द्वारा हम नवग्रहों का हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा यह जान सकते हैं।

Navgrah Beej Mantra Ka Jap Kaise Karen-नवग्रह बीज मन्त्र का जप कैसे करें

नवग्रहों(Navgrah) को मजबूत रखना अत्यंत आवश्यक है। खास कर जातक की कुंडली में जिस ग्रह महादशा या अंतर्दशा चल रही हो  तथा लग्नेश(मुख्य ग्रह) व चंद्र राशि के स्वामी ग्रह को मजबूत रखना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि इन ग्रहों का जातक के जीवन पर विशेष प्रभाव पड़ता है। 

आपकी कुंडली में कौन सा ग्रह कारक है अथवा कौन सा ग्रह मारक है यह जानकर उस ग्रह से संबंधित रत्न धारण करना चाहिए या दान करना चाहिए। 

सामान्यतः कारक ग्रह से संबंधित रत्न पहनना चाहिए तथा अकारक (मारक) ग्रह से संबंधित दान करना चाहिए। 

किसी भी रत्न धारण करने के पहले किसी योग्य ज्योतिषी से अपनी कुंडली का विश्लेषण अवश्य करवाएं अन्यथा लाभ की बजाय नुकसान भी हो सकता है।

परंतु किसी भी ग्रह को बेहतर बनाने के लिए मंत्र का जाप विशेष फलदाई होता है। यदि कुंडली में मारक ग्रह की दशा या अंतर्दशा चल रही हो तो संबंधित ग्रह का मंत्र जप से लाभ मिलता है। मंत्र जप कम से कम 108 बार करना चाहिए।

आप अपनी कुंडली की दशा अंतर्दशा के अनुसार ग्रहों के मंत्रों का जप कर सकते हैं। बेहतर परिणाम के लिए किसी योग्य ज्योतिषी की सलाह से मन्त्र का जप करें।

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Navgrah Ke Mantra

Surya Beej Mantra-सूर्य मंत्र

सूर्य व्यक्ति की आत्मा है।सूर्य आपका स्वास्थ्य  हृदय आपका नाम और यश ,पिता से सम्बन्ध ,सरकार की कृपा आदि को दर्शाता है।यदि कुंडली में सूर्य खराब हो तो व्यक्ति को इन सब चीजों से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।कमजोर सूर्य हड्डियों की समस्या, ह्रदय रोग ,आखों की समस्या पैदा करता है। 

सूर्य के अच्छे परिणाम के लिए ॐ आदित्याय नमः। या ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः। मंत्र का सुबह या दोपहर के समय 108 बार जप करें।

Surya ayitri Mantra-सूर्य गायित्री मन्त्र
ॐ भास्कराय विद्महे महाद्युतिकराय धीमहि तन्नो आदित्यः प्रचोदयात् । 

रुद्राक्ष या लाल चन्दन की माला से जप करें।

Chandrma Beej Mantra-चन्द्रमा मंत्र

यदि कुंडली में चन्द्रमा कमजोर हो तो ऐसे व्यक्ति का मन कमजोर होता है। मानसिक समस्या बनी रहती है। माता से सुख में कमी करता है।चन्द्रमा के कमजोर होने पर मानसिक रोग ,अस्थमा ,रक्त सम्बन्धी समस्या होती है। 

चन्द्रमा के अच्छे परिणाम के लिए ॐ सोम सोमाय नमः.या ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः। मंत्र का रात  या संध्याकाल के समय 108 बार जप करें।

Chandra Gayitri Mantra-चंद्र गायित्री मन्त्र
पद्मध्वजाय विद्महे हेमरूपाय धीमहि तन्नो सोमःप्रचोदयात् ||

बेहतर परिणाम के लिए मोती या शंख की माला से जप करें।

Mangal Beej Mantra-मंगल मंत्र

यदि कुंडली में मंगल कमजोर तो व्यक्ति में साहस की कमी होती है।मुक़दमे या वाद विवाद में फंसते हैं।

मंगल के कमजोर होने पर भय की समस्या ,संपत्ति ,दुर्घटना ,कारावास और रिश्तों की समस्या होती है। 

मंगल के अच्छे परिणाम के लिए ॐ अंअंगारकाय नमः। या ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः। का दोपहर या प्रातःकाल के समय 108 बार जप करें।

Mangal Gayitri Mantra-मंगल गायित्री मन्त्र
ॐ अंगारकाय विद्महे शक्ति हस्थाय धीमहि तन्नो भौमः प्रचोदयात्।

बेहतर परिणाम के लिए मूंगे या लाल चन्दन की माला से जप करें।

Budh Beej Mantra-बुध मंत्र

बुध यदि कमजोर हो तो बुद्धि कमजोर होती है ,दिमाग त्वरित काम नहीं करता ,त्वचा सम्बन्धी समस्या ,सही समय पर निर्णय नहीं ले पाते हैं।

यदि व्यक्ति का बुध कमजोर हो तो नाक,कान ,गले की समस्या और वाणी की समस्या और त्वचा की समस्या होती है। 

बुध ग्रह के अच्छे परिणाम के लिए मंत्र ॐ बुं बुधाय नमः। 

या ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः। का सुबह के समय 108 बार जप करें।

Budh Gayatri Mantra-बुध गायित्री मन्त्र
ॐ विद्या राजाय विद्महे चन्द्र पुत्राय धीमहि तन्नो बुधः प्रचोदयात्।

बेहतर परिणाम के लिए हरे हक़ीक़ या रुद्राक्ष की माला से जप करें।

Brihaspati Beej Mantra-बृहस्पति मंत्र

यदि व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति कमजोर हो तो व्यक्ति को शिक्षा में बाधा आती है तथा गुरुओं का सानिध्य नहीं प्राप्त होता है।यदि बृहस्पति ग्रह मारक हो तो वह व्यक्ति को लिवर संबंधी व्याधि देता है तथा व्यक्ति को लंबी बिमारी देता है।

बृहस्पति ग्रह के अच्छे परिणाम के लिए ॐ बृं बृहस्पतये नमः। 

या ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः। मंत्र का सुबह के समय 108 बार जप करें।

Guru Gayitri Mantra-गुरु गायित्री मन्त्र
ॐ वाचस्पताय विद्महे बुद्धि मूलाय धीमहि तन्नो गुरोःप्रचोदयात्।

बेहतर परिणाम के लिए जप हल्दी या रुद्राक्ष की माला से से जप करें।

Sukra Beej Mantra-शुक्र मंत्र

यदि कुंडली में शुक्र कमजोर हो जीवन में सब कुछ होने के बाद भी सुख नहीं होता। 

शुक्र ग्रह के अच्छे परिणाम के लिए ॐ शुं शुक्राय नमः। या ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः। मंत्र का भोर में या रात में 108 बार जप करें। 

Shukra Gayitri Mantra-शुक्र गायित्री मन्त्र
ॐ कामदेवाय विद्महे शुभकर्माय धीमहि तन्नो शुक्रः प्रचोदयात्।

बेहतर परिणाम के लिए स्फटिक या सफ़ेद चन्दन की माला से जप करें। 

Shani Beej Mantra-शनि मंत्र

यदि शनि कमजोर हो तो जीवन में संघर्ष बढ़ता चला जाता है। 

शनि ग्रह के अच्छे परिणाम के लिए ॐ शं शनिश्चराय नमः। 

या ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनिश्चराय नमः। मंत्र का संध्याकाल में 108 बार जप करें।

Shani Gayitri Mantra-शनि गायित्री मन्त्र
ॐ शनैश्चराय विद्महे सूर्यपुत्राय धीमहि तन्नो शौरी प्रचोदयात्।

बेहतर परिणाम के लिए जप रुद्राक्ष की माला से जप करें।

Rahu Beej Mantra-राहु मंत्र

अज्ञात समस्या से परेशानी, कारण निवारण समझ नहीं आता ,विचित्र तरह की बीमारियां परेशान करती है ,वहम की समस्या ,राहु गले के ऊपर के हिस्से में समस्या देता है।

राहु ग्रह के अच्छे परिणाम के लिए ॐ रां राहवे नमः। 

या ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः। मंत्र का रात में 108 बार जप करें।

Rahu Gayitri Mantra-राहु गायित्री मन्त्र
ॐ शिरोरूपाय विद्महे अमृतेषाय धीमहि तन्नो राहुः प्रचोदयात्।

बेहतर परिणाम के लिए रुद्राक्ष की माला से जप करें।

Ketu Beej Mantra-केतु मंत्र

खराब केतु भी विचित्र तरह की समस्या खासकर किडनी , यूरिन ,त्वचा से जुड़ी समस्या देता है।

केतु  के अच्छे परिणाम के लिए ॐ कें केतवे नमः। या ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः। मंत्र का रात में 108 बार जप करें।

Ketu Gayitri Mantra-केतु गायित्री मन्त्र
ॐ पद्मपुत्राय विद्महे अमृतेशाय धीमहि तन्नो केतुः प्रचोदयात्।

बेहतर परिणाम के लिए रुद्राक्ष की माला से जप करें।

नवग्रह स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित
केतुपञ्चविंशतिनामस्तोत्रम्  हिंदी अर्थ सहित
राहु स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित

Navgrah Mantra Jap Se Sambhandhit Sawdhaniyan- नवग्रह मंत्र जप से सम्बंधित सावधानियां

  • एक साथ कई ग्रहों के बीज मंत्र का जप न करें। एक बार में अपनी कुंडली के अनुसार केवल किसी एक ग्रह के बीज मंत्र का ही जप करें।
  • जप पूरी तन्मयता से करें तथा मंत्रों के सही उच्चारण का विषेश ध्यान रखें।
  • यदि आपको अपनी जन्म कुंडली के कारक और अकारक ग्रह नहीं पता हैं और मंत्र करने को लेकर संशय है तो आप ग्रहों के गायित्री मंत्र कर सकते हैं। इनका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है।

किसी एक ग्रह के बीज मंत्र का जप करने के बजाय यदि आप सभी ग्रहों की एक साथ वंदना करना चाहते हैं या आपके एक से ज्यादा ग्रहों के खराब परिणाम मिल रहें हो तो नवग्रह मंत्र या नवग्रह स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं। 

Navgrah Gayitri Mantra
Navgrah Gayitri Mantra
Navgrah Beej Mantra
Navgrah Beej Mantra

Navgrah Mantra-नवग्रह मंत्र

यदि आप सभी नवग्रहों की एक साथ उपासना या ध्यान करना चाहते हैं तो आप निम्न मंत्र का जप कर सकते हैं। इस मंत्र को पढ़ने से सभी नौ ग्रहों का ध्यान हो जाता है।

ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च। गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु।

Navgrah Mantra Ka Arth- नवग्रह मंत्र अर्थ

ब्रह्मा, विष्णु और भगवान शिव सूर्य, चंद्रमा, भूमि सुत यानी मंगल,बुद्ध, गुरू, शुक्र, शनि, राहु और केतु सभी ग्रहों की शांति करें।

यदि प्रातःकाल बिस्तर पर उठते समय भी इस मंत्र को पढ़कर नवग्रहों का ध्यान कर लें तो आरोग्य और नवग्रहों की कृपा प्राप्त होती है। हर वैदिक पूजा पाठ में इस मंत्र का प्रयोग होता है। आप अपनी सुविधानुसार 108 ,51  या 21 बार इस मंत्र का जप कर सकते हैं। 

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Category: Astrology Hindi, Sprituality Hindi

1 thought on “Navgrah Beej Mantra And Navgrah Gayitri Mantra -नवग्रह बीज मन्त्र द्वारा कैसे मजबूत करें अपना भाग्य”

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