Shivling kya hai-शिवलिंग क्या है
शिवलिंग
का अर्थ होता है – शिव का प्रतीक। शिवलिंग को सृष्टि के निर्माण का प्रतीक माना जाता है। शिवलिंग शिव जी का निराकार स्वरूप है। शिवलिंग के पूजन से भगवान महादेव की सगुण और निर्गुण दोनों प्रकार की भक्ति प्राप्त होती है। शिवलिंग का पूजन करने से शिव और शक्ति दोनों का पूजन हो जाता है।
प्रणव समस्त अभीष्ट वस्तुओं को देने वाला प्रथम लिंग है।वह सूक्ष्म प्रणव है। सूक्ष्म लिंग निष्कल होता है और स्थूल लिंग सकल। एक अक्षररूप जो ओम है उसे सूक्ष्म प्रणव जानना चाहिए और पंचाक्षर मंत्र नमः शिवाय को स्थूल लिंग कहते हैं।उन दोनों प्रकार के लिंगो का पूजन तप कहलाता है।
पृथ्वी के विकारभूत पांच प्रकार के लिंग ज्ञात हैं-पहला स्वयंभू लिंग, दूसरा बिंदु लिंग, तीसरा प्रतिष्ठित लिंग, चौथा चरलिंग और पांचवां गुरू लिंग।