Rashi–राशि
नक्षत्रों के समूह को राशि कहते हैं। आकाश में अनेक तारों के समूह दिखाई देते हैं। उन्ही तारों के समूह को हमारे ऋषियों ने आकाश में एक विशेष आकृति बनाते हुए देखा। उन्हीं आकृतियों के आधार पर ऋषियों ने राशियों का नामकरण किया। राशियों की संख्या 12 है।
भचक्र के 360° को 30° की 12 राशियों या 13°20′ के 27 नक्षत्रों में विभाजित किया गया है।
बृहत पराशर होराशास्त्र के अनुसार भगवान विष्णु स्वयं काल स्वरूप या काल पुरूष हैं। उन्हीं के अंगों को मेष आदि बारह राशियां समझना चाहिए।
बृहत पराशर होराशास्त्र के अनुसार राशियों का वर्णन निम्न प्रकार से है –
Mesh Rashi(Aries)-मेष राशि
मेष राशि का रक्त लाल रंग, विशाल शरीर होता है। यह चतुष्पाद राशि है और रात्रि के समय बलवान होती है। यह साहस को दर्शाती है और इसकी दिशा पूर्व है। यह राजा से सम्बंधित है। यह पहाड़ों पर विचरण करने वाली और रजोगुण युक्त राशि है। यह पृष्ठोदय राशि है और मंगल इसका स्वामी है।
Vrishabh Rashi(Taurus)-वृषभ राशि
वृषभ राशि श्वेत वर्ण है और शुक्र देव इसके स्वामी हैं। यह लम्बे शरीर वाली और चतुष्पाद राशि है। यह रात्रि बली है और दक्षिण इसकी दिशा है। यह ग्राम वासियों और वैश्य वर्ण (व्यापारी वर्ग) को दर्शाती है। यह पृथ्वी तत्व राशि और पृष्ठोदय है।
Mithun Rashi(Gemini)-मिथुन राशि
मिथुन राशि शीर्षोदय राशि है और स्त्री-पुरूष को दर्शाती है। पुरुष गदा लिए हुए और स्त्री वीणा लिए हुए है। यह पश्चिम दिशा में निवास करती है और वायु प्रधान है। यह द्विपाद राशि है और रात्रि बलि है। यह ग्रामवासी और वायु प्रधान है। यह एक समान शरीर वाली और घास के समान हरे रंग की आभा लिए हुए है। बुध देवता इसके स्वामी हैं।
Kark Rashi(Cancer)-कर्क राशि
कर्क राशि का वर्ण पाटल (लाल मिश्रित श्वेत वर्ण), वन में विचरण करने वाली, ब्राह्मण वर्ण और रात्रि बली है। यह बहुपाद और स्थूल शरीर वाली है। यह सत्व गुण प्रधान, जल तत्व राशि है। यह पृष्ठोदय राशि है और चंद्र देव इसके स्वामी हैं।
Singh Rashi(Leo)-सिंह राशि
सिंह राशि के स्वामी सूर्य देव हैं और यह एक सात्विक राशि है। यह चतुष्पाद और क्षत्रिय राशि है। यह वन को दर्शाता है और शीर्षोदय है। यह लम्बे शरीर और पाण्डु वर्ण(भूरे) वाली राशि है। यह पूर्व दिशा में निवास और और दिवा बली होती है।
Kanya Rashi(Virgo)-कन्या राशि
कन्या राशि पर्वतीय क्षेत्र में रूचि वाली और दिवा बली राशि है। यह शीर्षोदय, मध्यम शरीर और द्विपाद राशि है। इसका निवास दक्षिण दिशा है। इसके एक हाथ में अनाज और दूसरे हाथ में अनाज है। यह वैश्य वर्ण और बहुरंगी है। यह तूफान को दर्शाती है। यह कुंवारेपन को दर्शाती है और तामसिक है। इसके स्वामी बुध देव हैं।
Tula Rashi(Libra)-तुला राशि
तुला राशि शीर्षोदय, दिवाबली है। इसका रंग कृष्ण है और यह रजोगुणी है। यह शूद्र वर्ण है। इसकी दिशा पश्चिम है और भूमि को दर्शाती है। यह मध्यम शरीर वाली और द्विपाद राशि है। इसके स्वामी शुक्र देव हैं।
Vrishchik Rashi(Scorpio)-वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि शीर्षोदय, छोटे शरीर वाली, बहुपाद, ब्राह्मण वर्ण और छिद्र में निवास वाली है। इसकी दिशा उत्तर है और यह दिवाबली है। इसका रंग लाल-भूरा है और पानी युक्त भूमि पर निवास वाली है। यह रोम से युक्त शरीर और तीखे अंगों वाली है। इसके स्वामी मंगल देव हैं।
Dhanu Rashi(Sagittarius)-धनु राशि
धनु राशि घोड़े की जंघा वाली और सात्विक राशि है। इसके स्वामी बृहस्पति देव हैं। यह पिंगल वर्ण, रात्रि बली, अग्नि तत्व और क्षत्रिय वर्ण राशि है। यह पूर्वार्ध में द्विपद तथा उत्तरार्ध में चतुष्पद होती है। यह एक समान शरीर वाली और हाथ में धनुष धारण किए हुए है। यह पूर्व दिशा और भूमि में निवास करने वाली है। यह तेजस्वी और पृष्ठोदय है।
Makar Rashi(Capricon)-मकर राशि
मकर राशि के स्वामी शनि देव हैं और यह तमोगुण से युक्त है। यह भूमि तत्व राशि है तथा यह दक्षिण दिशा को दर्शाती है। यह रात्रि बली है और पृष्ठोदय है। इसका विशाल शरीर है तथा वन और भूमि पर निवास है। यह पूर्वार्ध में चतुष्पाद और उत्तरार्ध में द्विपाद और जल में रहने वाली है।
Kumbh Rashi(Aquarius)-कुम्भ राशि
कुम्भ राशि हाथ में घड़ा लिए हुए पुरुष, नेवले के समान भूरे रंग वाली, मध्यम शरीर, द्विपद, दिवाबली, जल में निवास, वायु प्रकृति, शीर्षोदय और तमोगुण वाली है। यह शूद्रवर्ण और पश्चिम दिशा में निवास करती है। इसके स्वामी शनि देव हैं।
Meen Rashi(Pisces)-मीन राशि
मीन राशि दो मछलियों को दर्शाती है जिनका मुख दूसरे की पुंछ की तरफ है। यह रात्रि बली है। यह जल तत्व और सत्व गुण से युक्त है। यह ब्राह्मण वर्ण, चरण हीन , मध्यम शरीर वाली, उत्तर दिशा की स्वामी और उभयोदय है। इसके स्वामी गुरू देव है।
राशियों का उनके गुण धर्म के आधार पर उनका विभिन्न प्रकार से वर्गीकरण किया गया है। जैसे- स्त्री-पुरुष राशि, सम-विषम राशि आदि। राशियों के वर्गीकरण को समझने के लिए निम्न लेख पढ़ें –
Reference Books-संदर्भ पुस्तकें
- Brihat Parashara Hora Shastra –बृहत पराशर होराशास्त्र
- Phaldeepika (Bhavartha Bodhini)–फलदीपिका
- Splendor of Vargas by Justice S N Kapoor
- Saravali–सारावली