Sawan
सावन का महीना हिन्दू धर्म में विशेष स्थान रखता है। इस माह को भगवान भोलेनाथ से जोड़कर देखा जाता है। सावन माह में भगवान शिव का पूजन और भक्ति विशेष फलदाई होता है। सावन में आप भोलेनाथ का पूजन करके अपने जीवन के बड़े से बड़े दुर्भाग्य को दूर कर सकते हैं।
ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में ही भगवान शिव ने समुद्र मंथन में जो हलाहल विष निकला था उसका पान किया था। हलाहल विष की गर्मी को शांत करने के लिए भक्त पूरे श्रावण मास में शिवलिंग पर जल अर्पित करते हैं। पूरे वर्ष भर भगवान शिव की पूजा करके आपको जो भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है वो कृपा आप केवल श्रावण मास में शिवजी का पूजन करके प्राप्त कर सकते हैं। तपस्या ,साधना और वरदान प्राप्त करने के लिए यह मास बहुत शुभ है।
Sawan 2025 Vrat Aur Tyohar-2025 सावन मास के व्रत और त्योहार लिस्ट
वर्ष 2025 में सावन मास या श्रावण मास का आरम्भ 11 जुलाई से होगा तथा 9 अगस्त को श्रावण मास की समाप्ति होगी।
सावन माह प्रारम्भ | 11 जुलाई |
सावन मास समाप्ति | 9 अगस्त |
सावन सोमवार व्रत | 14 जुलाई, 21 जुलाई ,28 जुलाई, 4 अगस्त |
मंगला गौरी व्रत | 15 जुलाई , 22 जुलाई ,29 जुलाई, 5 अगस्त |
प्रदोष व्रत | 14 जुलाई ,30 जुलाई, 13 अगस्त, 28 अगस्त |
हरियाली तीज | 27 जुलाई |
नाग पंचमी | 29 जुलाई |
रक्षा बंधन | 9 अगस्त |
Sawan Maas Ke Vrat Aur Tauhar-सावन मास के व्रत और त्योहार
सावन में 3 प्रकार के व्रत आप प्रारम्भ कर सकते हैं ।
Shiv Ji Ka Vrat–शिव जी का व्रत
सावन के समस्त सोमवार के दिन यह व्रत किया जाता है। प्रत्येक सोमवार को गणेश ,शिव पार्वती ,कार्तिकेय तथा नंदी जी की पूजा की जाती है। जल ,दूध ,दही,शहद ,घी शर्करा ,जनेऊ ,चन्दन ,रोली ,बेल -पत्र ,भांग धतूरा ,धूप ,दीप आदि से भगवान भोलेनाथ का पूजन किया जाता है।
यदि विवाह के लिए व्रत कर रहें हो तो तांबे के लोटे में जल के साथ गंगाजल या किसी पवित्र नदी का जल मिलकर शिवजी का अभिषेक करें और उन्हें सफ़ेद फूल ,चावल ,चन्दन ,बेलपत्र ,भांग ,धतूरा ,धूप और फल चढ़ाएं। उपवास रखें और नमक का सेवन न करें। माँ पार्वती को पुष्प भेंट करें।
Mangal Gauri Vrat-मंगला -गौरी पूजन और व्रत
मंगला -गौरी का व्रत श्रावण मास में जितने भी मंगलवार आते है ,रखा जाता है। इस दिन गौरी जी का पूजन किया जाता है। यह व्रत मंगलवार को किया जाता है इसलिए इसे मंगला गौरी व्रत कहते हैं। यह व्रत स्त्रियां करती हैं।

सुहागिन स्त्रियां इस व्रत को जहाँ अपने परिवार की सुख समृद्धि और अखंड सौभाग्य के लिए रखती हैं वहीं कुंवारी कन्याएं इस व्रत को अच्छे वर की प्राप्ति और माँ गौरी का आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु रखती हैं।अधिक जानकारी के लिए निम्न लेख पढ़ें।
Mangala Gauri Vrat 2023-मंगला-गौरी पूजन और व्रत
Pradosh Vrat-प्रदोष व्रत
वैसे तो प्रदोष व्रत हर माह में दो बार पड़ता है।हर मास की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। परन्तु यदि आप सावन मास में प्रदोष व्रत रखते तो वह बहुत शुभ होता है। यदि आप भगवान शिव की विशेष कृपा चाहते हैं तो आपको कम से कम सावन मास में प्रदोष का व्रत अवश्य करना चाहिए। यदि आप प्रभु से किसी विशेष फल की प्राप्ति या वरदान चाहते हैं तो संकल्प लेकर पूरे एक वर्ष तक प्रदोष व्रत रखें।