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suryaJyotish Me Surya Grah

Vedic Jyotish Me Surya Grah Aur Uska Mahatava-लक्षणों द्वारा जाने कैसा है आपकी कुंडली में सूर्य और उपाय

Posted on October 6, 2021March 11, 2024 by santwana

Vedic Jyotish Me Surya Grah-वैदिक ज्योतिष में सूर्य

सूर्य(Surya) किसी व्यक्ति की कुंडली में बहुत महत्वपूर्ण ग्रह होता है क्योंकि सूर्य आत्मा का कारक है। अच्छे सूर्य के बिना किसी को जिंदगी में पद, प्रतिष्ठा, पिता का सुख नहीं मिल सकता। सूर्य हमारी हड्डियों, मस्तक, चेहरे पर तेज, आंखों, वाणी में आकर्षण, आत्मबल, अच्छा स्वास्थ्य और आयु को दिखाता है।यदि सूर्य अच्छा नहीं है तो व्यक्ति कभी अच्छे राजनेता या उच्च पद पर आसीन नहीं हो सकते। सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बात है की सूर्य हमारे आत्मबल को दर्शाता है जिसका सूर्य अच्छा होता है उसका आत्मबल भी ज्यादा होता है।

यदि कोई व्यक्ति जीवन में कुछ बड़ा और विशेष करना चाहता हैं तो सूर्य का अच्छा स्थिति में होना बहुत आवश्यक है।

विषय-सूचि
  1. Vedic Jyotish Me Surya Grah-वैदिक ज्योतिष में सूर्य
  2. Kundali Me Kharab Surya Ke Lakshan- कुंडली में खराब सूर्य के लक्षण
  3. Kundali Me Acche Surya Ke Lakshan-कुंडली में अच्छे सूर्य के लक्षण
  4. Surya Puja Ke Labh-सूर्य पूजा करने के लाभ
  5. Surya Puja Ka Pauranik Mahatva-सूर्य पूजा का पौराणिक महत्व
  6. Surya Ko Accha Karne Ka Upay-सूर्य को अच्छा करने के उपाय
    • Surya Bhagwan Ke 21 Naam-सूर्य भगवान के 21 नाम
    • Surya Dev Ke Mantra-सूर्य देव के मंत्र
      • Surya Beej Mantra-सूर्य का बीज मंत्र
      • Surya Tantrokta Mantra-सूर्य का तंत्रोक्त मंत्र
      • Surya Gayitri Mantra-सूर्य गायित्री मंत्र
  7. Reference Books-संदर्भ पुस्तकें

मेष राशि में सूर्य उच्च का होता है और सिंह सूर्य की स्वयं की राशि है। तुला राशि में सूर्य(Surya) नीच का होता है। ऐसे लोग जिनका जन्म दिन के समय में होता है उनका सूर्य मजबूत होता है। हम हमारी कुंडली देखकर ज्ञात कर सकते हैं आपकी कुंडली में सूर्य की स्थिति कैसी है तथा हमें सूर्य अच्छे या बुरे किस प्रकार के परिणाम देगा ।

परंतु यदि किसी को अपनी कुंडली नहीं पता हो तो निम्न लक्षणों द्वारा वह अपनी कुंडली में सूर्य की स्थिति का अंदाजा लगा सकता है।

विषय-सूचि
  1. Vedic Jyotish Me Surya Grah-वैदिक ज्योतिष में सूर्य
  2. Kundali Me Kharab Surya Ke Lakshan- कुंडली में खराब सूर्य के लक्षण
  3. Kundali Me Acche Surya Ke Lakshan-कुंडली में अच्छे सूर्य के लक्षण
  4. Surya Puja Ke Labh-सूर्य पूजा करने के लाभ
  5. Surya Puja Ka Pauranik Mahatva-सूर्य पूजा का पौराणिक महत्व
  6. Surya Ko Accha Karne Ka Upay-सूर्य को अच्छा करने के उपाय
    • Surya Bhagwan Ke 21 Naam-सूर्य भगवान के 21 नाम
    • Surya Dev Ke Mantra-सूर्य देव के मंत्र
  7. Reference Books-संदर्भ पुस्तकें

Kundali Me Kharab Surya Ke Lakshan- कुंडली में खराब सूर्य के लक्षण

  • यदि सूर्य की स्थिति कुंडली में खराब है तो ऐसे व्यक्ति का आत्मबल कमजोर होगा तथा उसके अपने पिता के साथ संबंध अच्छे नहीं होंगे। 
  • सूर्य की स्थिति अच्छी नहीं हो तो व्यक्ति कितना भी अच्छा कार्य करें परंतु उसके लिए उसको सम्मान नहीं मिलता।
  • खराब सूर्य वाले व्यक्तियों के आंखों की समस्या बनी रहती है या आंखें जल्दी कमजोर हो जाती हैं।
  • जिस किसी व्यक्ति का सूर्य खराब परिणाम दे रहा हो वह गैर जरूरी और तर्क विहीन बातें करता है। ऐसे लोग भड़काऊ बातें करते हैं और उसके द्वारा नेगेटिव पब्लिसिटी हासिल करने की कोशिश करते हैं। ऐसे लोगों का थोड़े समय के लिए नाम हो भी जाये परन्तु वह लम्बे समय तक नहीं टिक पाते।
  • जिस किसी व्यक्ति का सूर्य खराब होता है वह शॉर्टकट के द्वारा सफलता हासिल करने की कोशिश करता है।
  • यदि यदि सूर्य खराब परिणाम दे रहा हो तो वाणी दोष, घमंड देता है। ऐसे व्यक्तियों को अधिक उम्र में हाथ पैरों में दर्द रहने लगता है।
  • खराब सूर्य वाले लोगों को पिता और परिवार का सुख काम मिलता है।
  • ऐसे लोग सच नहीं बोलते ना ही इनके स्थाई मित्र बनते हैं।
  • खराब सूर्य वाले व्यक्तियों की हड्डियां कमजोर होती है, पाचन क्षमता कमजोर होती है, आंखें कमजोर होती हैं और सिर में दर्द रह सकता है।
  • खराब सूर्य वाले लोग शांति से नहीं रह पाते हैं उनके दिमाग में हर समय उथल-पुथल बनी रहती है।
  • खराब सूर्य वाले लोग अपनी जड़ों से उखड़ जाते हैं। ऐसे लोगों को जीवन के प्रारंभ में कुछ विशेष नहीं मिलता। 42वें, 48वें वर्ष में विशेष उन्नति प्राप्त होती है जोकि 58वें वर्ष तक समाप्त हो जाती है।
  • यदि सूर्य किसी प्रकार से सप्तम भाव को नकारात्मक रूप से प्रभावित करे तो वैवाहिक जीवन बहुत अच्छा नहीं होता और रिश्तो में समस्या आती है। कुछ परिस्थितियों में यह द्विभार्या योग बनाता है।
  • ऐसे लोगों का अपनी वाणी पर नियंत्रण नहीं होता और बिना सोचे कुछ भी बोल देते हैं।
  • पढ़ाई-लिखाई में दिक्कत आती है और पैसों के लिए संघर्ष करना पड़ता है।
  • ऐसे लोग जिनका सूर्य खराब हो उन्हें सरकारी काम में समस्या आती है।

Kundali Me Acche Surya Ke Lakshan-कुंडली में अच्छे सूर्य के लक्षण

  • अच्छा सूर्य जीवन में स्थायी सफलता देता है। ऐसे लोग जिनका सूर्य अच्छा हुआ जीवन में धीरे-धीरे परंतु स्थाई उन्नति प्राप्त करते हैं।
  • अच्छे सूर्य वाले लोग अपने कार्यक्षेत्र में निपुणता हासिल करते हैं जिसके कारण वह अपने जीवन में पूजनीय हो जाती है। ऐसे लोगों को लोग मरने के बाद भी याद रखते हैं।
  • अच्छा सूर्य संघर्ष देता है परंतु 36 वर्ष के पहले परिणाम देना शुरू कर देता है।
  • अच्छे सूर्य वाले व्यक्तियों के अंदर फाइट बैक करने की आदत होती है। ऐसे लोग कभी हार नहीं मानते हैं और जीवन में असफल होने के बाद भी प्रयास करते रहते हैं।
  • ऐसे लोगों की अवसाद या उदासी अस्थाई होती है क्योंकि इनका आत्मबल मजबूत होता है।
  • ऐसे लोगों को पिता, पिता समान व्यक्तियों, बड़े भाई और गुरु से सम्मान मिलता है।
  • कार्यक्षेत्र में दो या अधिक बार परिवर्तन करते हैं और उस परिवर्तन का सकारात्मक परिणाम मिलता है।
  • अच्छे सूर्य के व्यक्ति पब्लिक गैदरिंग, ऑफिस, फैमिली फंक्शन और परिवार की शोभा होते हैं।
  • अच्छे सूर्य वाले व्यक्ति कम पढ़े लिखे भी हो तो भी उनमें ज्ञान बहुत होता है।
  • ऐसे लोग प्रमाणिक बात ही करते हैं इसलिए लोग इनकी बात को मानते हैं।

Surya Puja Ke Labh-सूर्य पूजा करने के लाभ

  • भगवान सूर्य की पूजा करने से आरोग्य प्राप्त होता है और बुद्धि तेज होती है सूर्य की रोशनी से अनेक रोगों से हमारी रक्षा होती है।
  • उगते हुए सूर्य के सामने खड़े होकर त्राटक करें इसका अर्थ है कि सूर्य को टकटकी लगाकर देखें लेकिन उस समय सूर्य (Surya) का रंग लाल होना चाहिए। आप साथ में ॐ का जप भी कर सकते हैं ऐसा करने से उर्जा मिलती है और आलस्य और थकान दूर होती है साथ ही एकाग्रता भी बढ़ती है।
  • सूर्य पूजा करने से शत्रु आपका बुरा नहीं कर सकते।शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए सूर्य पूजा की जाती है परंतु यह ध्यान रखें कि आप सही हो।
  • सूर्य पूजा करने से अवसाद और नकारात्मकता दूर होती है।
  • यदि आप सरकारी नौकरी पाना चाहते हैं या उच्च पद पर आसीन होना चाहते हैं तो आपको सूर्य पूजा करनी चाहिए।
  • यदि आप जीवन में अपना नाम बनाना चाहते हैं तो भी आपको अपनी सूर्य को मजबूत करना आवश्यक है।
  • अथर्ववेद में सूर्य स्नान के महत्व को बताया गया है। उगते हुए सूर्य की किरणों में खड़े होने से दिल से संबंधित बीमारियां नहीं होती हैं।
  • सूर्य की विशेष क्रियाएं करने से व्यक्ति को भूख कम लगती है और शारीरिक ताकत बढ़ती है।
  • विभिन्न रंगो के सूर्य जल बनाकर पीने से विभिन्न रोगों में लाभ होता है। जैसे थायराइड के लिए लाल रंग की बोतल में सूर्य जल बनाकर पीना चाहिए।
  • सूर्य की रोशनी में खड़े होने से विटामिन डी मिलता है जोकि शरीर में कैल्शियम के अवशोषण के लिए बहुत आवश्यक है।

Surya Puja Ka Pauranik Mahatva-सूर्य पूजा का पौराणिक महत्व

Surya Dev giving Akshay Patra to Dhramraj
Jyotish Me Surya Grah
  • आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करके भगवान श्री राम ने रावण का वध किया और विजय प्राप्त की।
  • भगवान सूर्य के आशीर्वाद से ही कुंती को कर्ण पुत्र के रूप में मिला था तथा वानर राज ऋक्षराज को सुग्रीव पुत्र रूप में मिले।
  • भगवान सूर्य की उपासना करते सत्रजीत ने स्यमन्तक मणि प्राप्त की थी।
  • धर्मराज ने भगवान सूर्य(Surya Dev) की पूजा करके अक्षय पात्र को प्राप्त किया था जिसका प्रयोग वह अपने अतिथियों को भोजन कराने के लिए करते थे।
  • स्कंद पुराण के अनुसार व्यक्ति को सुख और कल्याण के लिए भगवान सूर्य की उपासना(Surya Upasana) करनी चाहिए।
  • साम्ब पुराण के अनुसार जाम्बवती के पुत्र साम्ब ने अपने कुष्ठ रोग को भगवान सूर्य की उपासना करके दूर किया था।
  • मयूर भट्ट ने भगवान सूर्य की उपासना करके अपने आप को कुष्ठ रोग से रोग मुक्त किया था। उन्होंने सूर्य शतकं की रचना की थी।

Surya Ko Accha Karne Ka Upay-सूर्य को अच्छा करने के उपाय

  • बड़े भाई, पिता, गुरु, प्रतिष्ठित व्यक्ति इन के सानिध्य में रहना चाहिए और इनका पूरा सम्मान करना चाहिए।
  • नीले, काले, बैगनी, ग्रे रंग के वस्त्र नहीं पहनना चाहिए।
  • हल्के भोजन का सेवन करना चाहिए।
  • सूर्य को मजबूत करने के लिए ताजा भोजन करना चाहिए और सूर्यास्त के बाद अधिक गरिष्ठ भोजन नहीं करना चाहिए
  • दूध और घी का प्रयोग अधिक करना चाहिए।
  • गेहूं से बनी हुई चीजें खानी चाहिए।
  • रविवार को नमक ना खाएं और गेहूं तथा गुड़ का दान दे या उन से बनी वस्तुओं का दान करें।
  • नियमित रूप से सूर्य भगवान को तांबे के लोटे में जल भरकर अर्घ्य दें। अर्घ्य सूर्योदय के 2 घंटे के भीतर दें। यदि जब सूर्य उग रहा हो यानी जब लाल हो तब अर्घ्य देना सर्वश्रेष्ठ होता है। अर्घ्य देते समय गायत्री मंत्र या ॐ घृणि सूर्याय नमः। का जप करें।
  • यदि आरोग्य चाहिए तो जल में थोड़ी सी रोली या लाल चंदन डालकर सूर्य भगवान को अर्घ्य देना चाहिए। यदि विवाह नहीं हो पा रहा है यह कोई समस्या हो तो जल में हल्दी डालकर सूर्य भगवान को अर्घ्य देना चाहिए। पितरों की शांति के लिए जल में थोड़ा सा काला तिल और अक्षत मिलाकर सूर्य भगवान को अर्पित करना चाहिए। यदि जीवन के हर क्षेत्र को अच्छा करना चाहते हो तो सादा जल सूर्य भगवान को अर्पित करना चाहिए।
  • सूर्य को मजबूत करने के लिए नियमित रूप से आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करें। आदित्य स्त्रोत का पाठ करके ही भगवान श्रीराम ने रावण को युद्ध में परास्त किया था।
  • सूर्य के मंत्र ॐ घृणिः सूर्याय नमः। या गायित्री मंत्र का जाप करें।
  • सूर्य भगवान के 21 नाम रोजाना पढ़ने से भी लाभ होता है। यह 21 नाम सूर्य भगवान ने स्वयं साम्ब(भगवान श्री कृष्ण के पुत्र) को उसकी आराधना से प्रसन्न होकर वर स्वरूप दिए थे जिससे उन्होंने अपने कुष्ठ रोग को ठीक किया था।

Surya Bhagwan Ke 21 Naam-सूर्य भगवान के 21 नाम

ॐ विकर्तनो विवस्वांश्च मार्तण्डो भास्करो रविः। 
लोकप्रकाशकः श्रीमान् लोकचक्षुर्महेश्वरः।।
लाेकसाक्षी त्रिलोकेशः कर्ता हर्ता तमिस्रहा। 
तपनस्तापनश्चैव शुचिः सप्ताश्ववाहनः।।
गभस्तिहस्तो ब्रह्मा च सर्वदेवनमस्कृतः।

विकीर्तन(सभी संकटों का नाश करने वाला), विवस्वान(अपने प्रकाश से समस्त पदार्थों को प्रकाशित करने वाले), मार्तंड(जो सोने के अंडे से प्रकट हुआ हो), भास्कर(प्रकाश बनाने वाला), रवि(जो गरजता है), लोकप्रकाशक(संसार को प्रकाशित करने वाला), श्रीमान(शोभा से युक्त), लोकचक्षु(संसार का नेत्र), ग्रहेश्वर(सभी ग्रहों का अधिपति),  लोकसाक्षी(संसार का साक्षी),  त्रिलोकेश(तीन लोकों का स्वामी),कर्ता(निष्पादन करने वाला),हर्ता(संघार करने वाला),तमिस्त्रहा(अंधकार को खत्म करने वाला),तपन(जो गर्म करता है), तापन(जो जलाता है), शुचि(जो पवित्र है), सप्ताश्ववाहन(जिस के रथ को सात घोड़े की खींचते हैं), गभस्तहस्त(जिसके हाथ किरण के समान है), ब्रह्मा(संसार की रचना करने वाला), सर्वदेवनमस्कृत(सभी देवों द्वारा पूजनीय)।

Surya Dev Ke Mantra-सूर्य देव के मंत्र

Surya Beej Mantra-सूर्य का बीज मंत्र

ॐ सूर्याय नम: ।

ॐ घृणि सूर्याय नम: ।

Surya Tantrokta Mantra-सूर्य का तंत्रोक्त मंत्र

ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।

Surya Gayitri Mantra-सूर्य गायित्री मंत्र

ॐ भास्कराय विद्महे महातेजाय धीमहि तन्नो सूर्यः प्रचोदयात।

Know Your Lagnesh(Main Planet) and Ishta Dev-कैसे जाने अपना लग्नेश (मुख्य ग्रह) और क्या हैं आपके ईष्ट देव

Reference Books-संदर्भ पुस्तकें

  • Brihat Parashara Hora Shastra –बृहत पराशर होराशास्त्र
  • Phaldeepika (Bhavartha Bodhini)–फलदीपिका
  • Saravali–सारावली
Category: Astrology Hindi

1 thought on “Vedic Jyotish Me Surya Grah Aur Uska Mahatava-लक्षणों द्वारा जाने कैसा है आपकी कुंडली में सूर्य और उपाय”

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