astroradiance.com
Menu
  • Blog
  • About Us
  • Contact Us
  • Stotra/ Stuti
  • Astrology Hindi
  • Terms of Service
  • Services Offered
  • Consultation
Menu
Vimshopak Bala

विंशोपक बल कैसे निकालें-Vimshopak Bal Kya Hai

Posted on April 27, 2023April 15, 2024 by santwana

Vimshopak Bal-विंशोपक बल 

विंशोपक बल ग्रहों के बल(शक्ति) को नापने का एक तरीका है। जिस प्रकार से षड्बल द्वारा ग्रहों के बल को निकाला जाता है उसी प्रकार विंशोपक बल से भी ग्रहों के बल को निकाला जाता है। षड्बल निकलने का तरीका जहां काफी जटिल और लम्बा है वहीं विंशोपक बल ग्रहों का बल निकालने का छोटा और अपेक्षाकृत आसान तरीका है। 

अतः विम्शोपक बल ग्रहों की शक्ति निकालने का तरीका है जिसमें ग्रहों की विभिन्न वर्गों में स्थिति में आधार पर 20 अंकों में से अंक प्रदान किए जाते हैं। जिस ग्रह को जितना अधिक अंक मिलता है वह उतना ही बली होता है। 

विंशोपक शब्द विंशति से बना है। विंशतिः संस्कृत का शव्द है जिसका अर्थ 20 होता है। जिस प्रकार से किसी चीज का 100वां भाग प्रतिशत कहलाता है उसी प्रकार 20 को इकाई मानकर उसका भाग करना विंशोपक या विश्वा(बिस्वा) कहलाता है। 

विषय-सूचि
  1. Vimshopak Bal-विंशोपक बल 
  2. Vibhinn Vargon Me Vimshopak Bal -विभिन्न वर्गों में विंशोपक बल
  3. Vimshopak Bala Ki Ganna-विंशोपक बल की गणना
    • Udaharan-उदहारण
  4. Vimshopak Bal Ka Upyog-विंशोपक बल का उपयोग
  5. Reference Books-संदर्भ पुस्तकें

Vibhinn Vargon Me Vimshopak Bal -विभिन्न वर्गों में विंशोपक बल

बृहत पराशर होरा शास्त्र में विभिन्न वर्गों षड्वर्ग, सप्तवर्ग, दशवर्ग और षोडश वर्ग के लिए विंशोपक बल निकालना गया बताया है। विभिन्न वर्गों के महत्व के अनुसार उन्हें निम्न प्रकार बल प्रदान किए जाते हैं-

Vimshopak Bala
Vimshopak Bal

षड्वर्ग में राशि कुंडली के बाद सबसे अधिक महत्व नवमांश और उसके बाद द्रेष्काण कुंडली को महत्व दिया जाता है।षड्वर्ग में विंशोपक बल का मान क्रम से 6 ,2, 4, 5, 2, 1 होता है।यहाँ यह देखने योग्य बात है कि लग्नन कुंडली (D1)के पश्चात् सबसे ज्यादा महत्व नवमांश कुंडली(D9 ) को दिया जाता है।

सप्तवर्ग में इनका मान क्रम से 5, 2, 3, 2.5, 4.5, 2, 1, होता है।सप्तवर्ग में भी लग्न कुंडली के पश्चात सबसे ज्यादा महत्व नवमांश को देते हैं।
दशवर्ग में ग्रह का 3, षष्ट्यंश का 5 और शेष सभी का डेढ़ विम्शोपक बल होता है।

षोडश वर्ग में होरा का 1, त्रिंशांश का 1, द्रेष्काण का 1, षोडश 2, नवमांश का 3, ग्रह का डेढ़(1.5), षष्ट्यंश का 4 और शेष सभी का आधा (0.5) वर्गविश्वा होता है।षोडश वर्ग में भी लग्न कुंडली के पश्चात सबसे ज्यादा महत्व नवमांश को देते हैं।

Vimshopak Bala Ki Ganna-विंशोपक बल की गणना

विम्शोपक बल की गणना के लिए सर्वप्रथम ग्रहों की विभिन्न वर्गों में स्थिति को देखा जाता है। यदि हम षड्वर्ग में किसी ग्रह का बल निकालें तो हमें राशि कुंडली, होरा, द्रेष्काण, नवमांश, द्वादशांश और त्रिंशांश कुंडली में उसकी स्थिति को देखना होगा कि वह स्वराशि है या मित्र या शत्रु की राशि में।

किसी ग्रह के विभिन्न वर्गों में होने को निम्न प्रकार से महत्व दिया गया है –

स्वराशि(20) > अतिमित्र(18) > मित्र(15) > सम(10) > शत्रु(7) > अतिशत्रु (5)

यदि कोई ग्रह स्ववर्ग में हो तो उसे 20 , अतिमित्र  में  हो तो 18, मित्र में हो तो 15 , सम में हो तो 10, शत्रु के वर्ग में  हो तो 7 और अतिशत्रु के वर्ग में हो तो 5 विश्वा बल मिलता है। इन्हें वर्ग विश्वा कहते हैं। 

विम्शोपक बल = (स्वविश्वा *वर्ग विश्वा) /20 

वर्ग के विश्वा को उस वर्ग के कुल बल से गुणा करके 20 से भाग देने पर वर्ग का विंशोपक बल पता चलता है। इस प्रकार से किसी ग्रह का सभी वर्गों के विंशोपक बल निकाल कर जोड़ने पर उस ग्रह का कुल विम्शोपक बल ज्ञात किया जा सकता है। 

Udaharan-उदहारण

Shadvarg
Shadvarg

उदाहरण कुंडली में हम शनि के षड्वर्ग के लिए विम्शोपक बल की गणना करेंगे। उपरोक्त कुंडली में राशि कुंडली में शनि मकर राशि है अतः इसका वर्ग विश्वा 20 है। अतः 6*20/20 =6 विश्वा बल होगा।

होरा में शनि चंद्र की होरा में है। अतः शत्रु राशि में होने के कारण इसका वर्ग विश्वा 7 है। अतः 2*7/20= 0.7 विश्वा बल होगा।

द्रेष्काण में शनि मकर राशि में है। अतः स्वराशि होने के कारण इसका वर्ग विश्वा 20 है। अतः 4*20/20 =4 विश्वा बल होगा।

नवांश में शनि कुम्भ राशि में है। अतः स्वराशि होने के कारण इसका इसका वर्ग विश्वा 20 है। अतः 5* 20/20 =5 विश्वा बल होगा।

द्वादशांश में शनि मीन राशि में है। अतः सम होने के कारण इसका इसका वर्ग विश्वा 10 है। अतः 2*10 /20 =1 विश्वा बल होगा।
त्रिंशांश में शनि कन्या राशि में है। अतः स्वराशि होने के कारण इसका इसका वर्ग विश्वा 15 है। अतः 1*15/20 =0.75 विश्वा बल होगा।

अतः उपरोक्त कुंडली में शनि का विम्शोपक बल =6+0.7+4+5+1+0.75 =17. 45 विश्वा होगा।

इसी प्रकार से सप्तवर्ग, दशवर्ग और षोडश वर्ग के लिए भी किसी ग्रह का विम्शोपक बल निकाला जा सकता है।

Vimshopak Bal Ka Upyog-विंशोपक बल का उपयोग

विम्शोपक बल का उपयोग ग्रहों की शक्ति निकालने में किया जाता है।यदि किसी ग्रह का विंशोपक बल 5 से कम हो तो वह परिणाम देने में असमर्थ होता है, यदि 5-10 के बीच विम्शोपक बल हो तो वह अल्प फल देने वाला,  यदि 10-15 के बीच विंशोपक बल हो तो वह मध्यम फल देने वाला,  यदि 15-20 के बीच विम्शोपक बल हो तो वह पूर्ण फल देने वाला होता है। 

Vimshopak Bala Parinam
Vimshopak Bala Parinam

विम्शोपक बल का प्रयोग करके हम यह ज्ञात कर सकते हैं कि किसी ग्रह की दशा या अन्तर्दशा जातक को किस प्रकार के परिणाम देगी।

Brihat Parashara Hora Shastra (set of 2 vols.) - Hindi - Dr. Suresh Chandra Mishra / Brihat Parashara Hora Shashtra /Brihat Parashar Hora Shastra /BPHS
Brihat Parashara Hora Shastra (set of 2 vols.) – Hindi – Dr. Suresh Chandra Mishra / Brihat Parashara Hora Shashtra /Brihat Parashar Hora Shastra /BPHS
Phaldeepika (Bhavartha Bodhini) Paperback [Paperback] Gopesh Kumar Ojha
Phaldeepika (Bhavartha Bodhini) Paperback [Paperback] Gopesh Kumar Ojha
Splendour of Vargas: Most Influential Divisional Charts
Splendour of Vargas: Most Influential Divisional Charts

Reference Books-संदर्भ पुस्तकें

  • Brihat Parashara Hora Shastra –बृहत पराशर होराशास्त्र
  • Phaldeepika (Bhavartha Bodhini)–फलदीपिका
  • Splendor of Vargas by Justice S N Kapoor
  • Saravali–सारावली

Category: Astrology Hindi

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

About Me

Santwana

Raksha Bandhan Quotes For Brothers And Sisters​

Moon in Vedic Astrology: Impact and Interpretations

Moon in Vedic Astrology: Impact and Interpretations

Radha Ji Ke 16 Naam Hindi Arth Sahit

Radha Ji Ke 16 Naam Hindi Arth Sahit

Ashwani Nakshatra: A Guide to Its Personality Traits and Career Pathways

Ashwani Nakshatra: A Guide to Its Personality Traits and Career Pathways

Decoding Planetary Strength: Vimshopaka Bala

Decoding Planetary Strength: Vimshopaka Bala

  • Aarti
  • Astrology English
  • Astrology Hindi
  • English Articles
  • Festival
  • Quotes
  • Sprituality English
  • Sprituality Hindi
  • Stotra/ Stuti
  • Vrat/Pauranik Katha

Disclaimer

astroradiance.com is a participant in the Amazon Services LLC Associates Program, an affiliate advertising program designed to provide a means for website owners to earn advertising fees by advertising and linking to Amazon.

Read our Privacy & Cookie Policy

  • Our Services
  • Privacy Policy
  • Refund & Cancellation Policy
  • Terms & Conditions
  • Disclaimer
  • Home
  • Blog
  • About Us
  • Contact Us
  • Donate Us
© 2025 astroradiance.com | Powered by Minimalist Blog WordPress Theme