Bhaja Govindam
भज गोविन्दम् भज गोविन्दम्, गोविन्दं भज मूढ़मते।
संप्राप्ते सन्निहिते काले, नहि नहि रक्षति डुकृङ्करणे॥1॥
मूढ़ जहीहि धनागमतृष्णाम्, कुरु सद्बुद्धिमं मनसि वितृष्णाम्।
यल्लभसे निजकर्मोपात्तम्, वित्तं तेन विनोदय चित्तं॥2॥
Author: santwana
श्री शिव रुद्राष्टकम् हिंदी अर्थ सहित-Shri Shiv Rudrashtakam Hindi Arth
Shri Shiv Rudrashtakam
नमामीशमीशान निर्वाणरूपम्।विभुम् व्यापकम् ब्रह्मवेदस्वरूपम्।
निजम् निर्गुणम् निर्विकल्पम् निरीहम्।चिदाकाशमाकाशवासम् भजेऽहम् ॥१॥
Panch Mahapurush Yoga Kya Hota Hai-पंचमहापुरुष योग
Panch Mahapurush Yoga
जब मंगल, बुध, शुक्र, शनि या बृहस्पति केंद्र में उच्च या स्वग्रही हों तो पंच महापुरूष योग बनता है। मंगल के द्वारा रुचक, बुध के द्वारा भद्र, बृहस्पति के द्वारा हंस, शुक्र के द्वारा मालव्य और शनि के द्वारा शश नामक पंच महापुरुष योग बनता है।
ग्रहों की अवस्था-Grahon Ki Awastha
ग्रह सतत रूप से गतिशील रहते हैं। वह भचक्र की विभिन्न राशियों में सतत गोचर करते हुए विशिष्ट स्थितयों को प्राप्त करते हैं, जिन्हे ग्रहों की अवस्था(Grahon Ki Awastha) कहा जाता है।
Kendra Trikon Rajyog-केंद्र त्रिकोण राजयोग को जानिए (विष्णु लक्ष्मी योग)
जब केंद्र स्थान और त्रिकोण के स्वामी एक दूसरे के सम्बन्ध बनाते हैं तो इसे केंद्र त्रिकोण राजयोग(Kendra Trikon Rajyog ) कहते हैं। केंद्र त्रिकोण राजयोग में भाग लेने वाले ग्रह अपनी दशा अन्तर्दशा में शुभ फल प्रदान करते हैं।
Saraswati Ashtottara Shatanama Stotram Hindi Meaning-सरस्वती अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित
Saraswati Ashtottara Shatanama Stotram
ॐ महादेव्यै च विद्महे। ब्रह्मपत्न्यै च धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात।
ॐ सरस्वती नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणी।
विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा।
सरस्वति महाभद्रा महामाया वरप्रदा ।
श्रीप्रदा पद्मनिलया पद्माक्षी पद्मवक्त्रगा ।।1।।
Saraswati Vandana Ravi Rudra Pitahmah Vishnu Nutam With Meaning-सरस्वती वंदना
रवि-रुद्र-पितामह-विष्णु-नुतं, हरि-चन्दन-कुंकुम-पंक-युतम्!
मुनि-वृन्द-गणेन्द्र-समान-युतं, तव नौमि सरस्वति! पाद-युगम्।।1
शशि-शुद्ध-सुधा-हिम-धाम-युतं, शरदम्बर-बिम्ब-समान-करम्।
बहु-रत्न-मनोहर-कान्ति-युतं, तव नौमि सरस्वति! पाद-युगम्।।2
9 ग्रहों की मित्रता शत्रुता और पंचधा मैत्री-Naisargik Mitrata Shatruta Aur Panchdha Maitri
Grahon Ki Mitrata Shatruta-ग्रहों की मित्रता शत्रुता अक्सर हम सुनते है शनि मंगल की युति हो रही है या किसी अन्य ग्रह की युति हो रही है जो की विनाशकारी होगी या ख़राब परिणाम देगी। इसका क्या अर्थ है ? यदि इसको हम इस प्रकार से समझने का प्रयास करें जब हम किसी व्यक्ति से…
Kundali Ki 12 Rashiyan Aur Unka Vargikaran- कुंडली की 12 राशियों का वर्गीकरण
Rashiyan-राशि
भचक्र(Zodiac) में सभी ग्रह स्थित हैं। इस भचक्र को 30 अंश के द्वादश (बारह) समान भागों में विभक्त किया गया है प्रत्येक 30 का अंश एक राशि कहलाता है। इनका नामकरण उसमें स्थित प्रसिद्ध तारामंडल के आधार पर किया गया है।
Janam Kundali Ke 12 Bhav Ko Janiye-जन्म कुंडली के 12 भाव क्या हैं
जन्म कुण्डली में 12 भाव होते हैं जो हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं।ज्योतिष शास्त्र में हर भाव को एक विशेष कार्य प्रदान किया गया है जैसे यदि माता वाहन भूमि इत्यादि के बारे में जानना हो तो हम उस जातक की जन्मकुंडली के चतुर्थ भाव पर दृष्टि डालेंगे।