इस लेख के माध्यम से हम आपको राधा जी के 16 नाम और उनका अर्थ बतायेंगे। ब्रह्म वैवर्त पुराण में नारायण द्वारा नारद जी को वर्णित श्रीराधारानी जी के 16 नाम इस प्रकार है। Radha Ji Ke 16 Naam-राधा जी के 16 नाम के अर्थ राधा रासेश्वरी रासवासिनी रसिकेश्वरी । कृष्णप्राणाधिका कृष्णप्रिया कृष्णस्वरूपिणी ॥ कृष्णवामाड्सम्भूता परमानन्दरूपिणी | कृष्णा…
Category: Stotra/ Stuti
Hanuman Ashtak With Hindi Meaning-हनुमान अष्टक हिंदी अर्थ
तुलसीदास जी द्वारा रचित “हनुमान अष्टक”(हनुमान अष्टक(Hanuman Ashtak) के आठ पदों में, हनुमान ने आठ बार किस प्रकार संकट को दूर किया है, इसका विवरण है। प्रत्येक पद की आखिरी पंक्ति में, “को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो,” है, जिसका अर्थ है “हे हनुमान, जिसका नाम संकटों को हरने वाला है,…
Lingashtakam With Hindi Meaning-लिंगाष्टकम हिंदी अर्थ सहित
लिंगाष्टकम(Lingashtakam) में शिवलिंग की महिमा का वर्णन किया गया है। शिवलिंग भगवान शंकर का निराकार स्वरुप है। शिवलिंग के द्वारा ही सृष्टि का सृजन माना जाता है। सर्वप्रथम शिवलिंग अग्नि के स्तम्भ के रूप में ब्रह्मा जी और विष्णु जी के समक्ष प्रकट हुआ था जिसका न कोई आदि था न अंत। लिंगाष्टकम में भगवान…
Saraswati Vandana Ya Kundendu Tushara Hara Dhavala Hindi Meaning
Ya Kundendu Tushara Hara Dhavala Lyrics–या कुन्देन्दुतुषारहारधवला लिरिक्स या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृताया वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना ।या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवः सदा पूजितासा मां पातु सरस्वति भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥१॥ दोर्भिर्युक्ता चतुर्भिः स्फटिकमणिनिभैरक्षमालान्दधानाहस्तेनैकेन पद्मं सितमपि च शुकं पुस्तकं चापेरण ।भासा कुन्देन्दुशङ्खस्फटिकमणिनिभा भासमानाऽसमानासा मे वाग्देवतेयं निवसतु वदने सर्वदा सुप्रसन्ना ॥ २ ॥ आशासु राशीभवदङ्गवल्ली- भासेव दासीकृतदुग्धसिन्धुम् ।मन्दस्मितैर्निन्दितशारदेन्दु वन्देऽरविन्दासनसुन्दरि त्वाम् ॥ ३…
विष्णु पञ्जर स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित-Vishnu Panjara Stotram
विष्णु पञ्जर स्तोत्र-Vishnu Panjara Stotram ॥ हरिरुवाच ॥प्रवक्ष्याम्यधुना ह्येतद्वैष्णवं पञ्जरं शुभम् ।नमोनमस्ते गोविन्द चक्रं गृह्य सुदर्शनम् ॥ १॥ प्राच्यां रक्षस्व मां विष्णो ! त्वामहं शरणं गतः ।गदां कौमोदकीं गृह्ण पद्मनाभ नमोऽस्त ते ॥ २॥ याम्यां रक्षस्व मां विष्णो ! त्वामहं शरणं गतः ।हलमादाय सौनन्दे नमस्ते पुरुषोत्तम ॥ ३॥ प्रतीच्यां रक्ष मां विष्णो ! त्वामह शरणं…
प्रह्लादकृत भगवत स्तुति हिंदी अर्थ सहित-Prahlad Krit Bhagwat Stuti
प्रह्लादकृत भगवत स्तुति हिंदी अर्थ सहित
नमस्ते पुण्डरीकाक्ष नमस्ते पुरुषोत्तम ।
नमस्ते सर्वलोकात्मन्नमस्ते तिग्मचक्रिणे ॥१॥
द्वादशज्योतिर्लिङ्गानि-Dwadash Jyotirling Mantra
ज्योतिर्लिंग स्वयं प्रकट होते है अर्थात स्वयंभू होते हैं। शिवपुराण की रुद्रसंहिता की कथा के अनुसार जब ब्रह्मा जी और विष्णु जी के मध्य विवाद हुआ तब पहला ज्योति स्तम्भ प्रकट हुआ।शास्त्रों में 64 ज्योतिर्लिंगों का वर्णन मिलता है जिनमें से हम 12 ज्योतिर्लिंगों और 12 उपज्योतिर्लिंगों के बारे में हमें पता है बाकी के…
Dwadash Jyotirling Stotram-द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित
द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र(Dwadash Jyotirling Stotram) इस धरती पर उपस्थित बारह ज्योतिर्लिंगों की महिमा का वर्णन है। ज्योतिर्लिंग स्वयं प्रकट होते है अर्थात स्वयंभू होते हैं। शिवपुराण की रुद्रसंहिता की कथा के अनुसार जब ब्रह्मा जी और विष्णु जी के मध्य विवाद हुआ तब पहला ज्योति स्तम्भ प्रकट हुआ।शास्त्रों में 64 ज्योतिर्लिंगों का वर्णन मिलता है…
शिव पंचाक्षर स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित-Shiv Panchakshar Stotra Hindi Arth
शिव पंचाक्षर स्तोत्र-Shiv Panchakshar Stotra Lyrics
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै न काराय नमः शिवाय।
केतुपञ्चविंशतिनामस्तोत्रम् हिंदी अर्थ सहित-Ketu 25 Names Stotra
केतुपञ्चविंशतिनामस्तोत्रम्-Ketu 25 Names Stotra केतु: काल: कलयिता धूम्रकेतुर्विवर्णक:।लोककेतुर्महाकेतु: सर्वकेतुर्भयप्रद: ।।1।। रौद्रो रूद्रप्रियो रूद्र: क्रूरकर्मा सुगन्ध्रक्।पलालधूमसंकाशश्चित्रयज्ञोपवीतधृक् ।।2।। तारागणविमर्दो च जैमिनेयो ग्रहाधिप:।पंचविंशति नामानि केतुर्य: सततं पठेत् ।।3।। तस्य नश्यंति बाधाश्चसर्वा: केतुप्रसादत:।धनधान्यपशूनां च भवेद् व्रद्विर्नसंशय: ।।4।। केतुपञ्चविंशतिनामस्तोत्रम् हिंदी अर्थ-Ketu 25 Names Stotra केतु: काल: कलयिता धूम्रकेतुर्विवर्णक:।लोककेतुर्महाकेतु: सर्वकेतुर्भयप्रद: ।।1।। केतु देवता जो काल(मृत्यु/समय) का प्रतीक है,कलयिता (हिसाब लगाने वाले),…