आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई। सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥
दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारि सिया सुधि लाए॥
हनुमान चालीसा हिंदी अर्थ सहित-Hanuman Chalisa Hindi Arth
श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥
श्री गुरु महाराज के चरण कमलों की धूलि से अपने मन रूपी दर्पण को पवित्र करके श्री रघुवीर के निर्मल यश का वर्णन करता हूँ जो चारों फल (धर्म,अर्थ,काम,मोक्ष) को देने वाले हैं।
Mahishasura Mardini Stotram Hindi Arth Sahit-महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित
अयि गिरि नन्दिनी नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते।
गिरिवर विन्ध्यशिरोधिनिवासिनी विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते।
भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते।
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते।।१।।
Kaun the Neem Karoli Baba-कौन थे नीम करौली बाबा
लोग इन्हें किस्मत चमकाने वाले बाबा भी बुलाते हैं क्योंकि जब एप्पल कम्पनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स अपने ख़राब दौर से गुजर रहे थे तो उन्हें किसी ने नीम करोली बाबा के आश्रम में आने की सलाह दी थी और वो बाबा के कैंची आश्रम में आकर रुके थे जिसके बाद उन्होंने अपने जीवन में सफलता हासिल की।
निर्वाण षट्कम हिंदी अर्थ सहित-Nirvana Shatkam Hindi Arth
मनोबुद्ध्यहंकार चित्तानि नाहं
न च श्रोत्रजिह्वे न च घ्राणनेत्रे ।
न च व्योम भूमिर्न तेजो न वायुः
चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम् ।। 1 ।।
मैं न तो मन बुद्धि चित्त अहंकार हूं। मैं न तो मैं कान,जिह्वा नाक,आँख हूं। मैं न तो आकाश, भूमि, अग्नि, वायु हूं। मैं केवल शुद्ध चेतना हूं मैं ही शिव हूं।
ज्योतिष शास्त्र में षड्बल क्या है-Shadbal Kya Hai
षड्बल के द्वारा हम किसी ग्रह के बल या शक्ति का पता लगा सकते हैं। षड्बल कोई एक बल नहीं है वरन ग्रह को विभिन्न बिंदुओं पर विचार करके हर बिंदु के हिसाब से उसे कुछ अंक प्रदान किये जाते हैं। इन सभी का योग ही षड्बल कहलाता है। क्योंकि यह छः बलों का योग है इसलिये इसे षड्बल कहते हैं। यह छः बल है- स्थान बल, दिग्बल, कालबल, चेष्टा बल, नैसर्गिक बल और दृष्टि बल।
ग्रहों की उच्च नीच और मूलत्रिकोण राशि- Ucch Neech Mooltrikona Rashi
ग्रह हमेशा गतिमान रहते हैं और विभिन्न राशियों में गोचर करते रहते हैं। हर ग्रह को अपने स्वाभाव के अनुसार कुछ राशियां प्रिय होती हैं जैसे- ग्रह की उच्च ,मूलत्रिकोण, स्वराशि और मित्र राशि। वहीं कुछ राशियां ऐसी भी होती हैं जिनमें ग्रह सहज नहीं होता जैसे – किसी ग्रह की नीच और शत्रु राशि।
Aditya Hridaya Stotra Hindi Arth Sahit -आदित्य हृदय स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित
ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम्।
रावणं चाग्रतो दृष्ट्वा युद्धाय समुपस्थितम्॥१॥
दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम्।
उपागम्याब्रवीद्राममगस्त्यो भगवांस्तदा॥२॥
Vedic Jyotish Me Surya Grah Aur Uska Mahatava-लक्षणों द्वारा जाने कैसा है आपकी कुंडली में सूर्य और उपाय
सूर्य(Surya) किसी व्यक्ति की कुंडली में बहुत महत्वपूर्ण ग्रह होता है क्योंकि सूर्य आत्मा का कारक है। बिना सूर्य के आपको जिंदगी में पद, प्रतिष्ठा, पिता का सुख नहीं मिल सकता। सूर्य हमारी हड्डियों, मस्तक, चेहरे पर तेज, आंखों, वाणी में आकर्षण, आत्मबल, अच्छा स्वास्थ्य और आयु को दिखाता है।यदि सूर्य अच्छा नहीं है तो आप कभी अच्छे राजनेता या उच्च पद पर आसीन नहीं हो सकते। सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बात है की सूर्य हमारे आत्मबल को दर्शाता है जिसका सूर्य अच्छा होता है उसका आत्मबल भी ज्यादा होता है।
कैसे जाने अपना लग्नेश और ईष्ट देव-Lagnesh and Ishta Devta
ग्रह हमारे जीवन पर विशेष प्रभाव डालते हैं। वैसे तो सभी नवग्रह हमारे जीवन पर कुछ न कुछ प्रभाव डालते हैं परन्तु हर किसी की कुंडली में एक ग्रह ऐसा होता है जो उस व्यक्ति के जीवन पर सबसे ज्यादा प्रभाव डालता है वह ग्रह है हमारा लग्नेश।
यदि आपको अपना लग्नेश या मुख्य ग्रह पता हो तो आप अपना जीवन काफी बेहतर बना सकते हैं। किसी व्यक्ति का लग्नेश उस व्यक्ति के ऊपर सबसे ज्यादा प्रभाव डालने वाला ग्रह होता है।