Saraswati Ashtottara Shatanama Stotram
ॐ महादेव्यै च विद्महे। ब्रह्मपत्न्यै च धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात।
ॐ सरस्वती नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणी।
विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा।
सरस्वति महाभद्रा महामाया वरप्रदा ।
श्रीप्रदा पद्मनिलया पद्माक्षी पद्मवक्त्रगा ।।1।।
Category: Sprituality Hindi
वैकुण्ठ चतुर्दशी 2023-Vaikunth Chaturdashi
कार्तिक शुक्ल पक्ष चतुर्दशी को वैकुण्ठ चतुर्दशी(Vaikunth Chaturdashi) का व्रत किया जाता है। वैकुण्ठ चतुर्दशी के दिन हरि और हर अर्थात भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा की जाती है।
Kaun the Neem Karoli Baba-कौन थे नीम करौली बाबा
लोग इन्हें किस्मत चमकाने वाले बाबा भी बुलाते हैं क्योंकि जब एप्पल कम्पनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स अपने ख़राब दौर से गुजर रहे थे तो उन्हें किसी ने नीम करोली बाबा के आश्रम में आने की सलाह दी थी और वो बाबा के कैंची आश्रम में आकर रुके थे जिसके बाद उन्होंने अपने जीवन में सफलता हासिल की।
निर्वाण षट्कम हिंदी अर्थ सहित-Nirvana Shatkam Hindi Arth
मनोबुद्ध्यहंकार चित्तानि नाहं
न च श्रोत्रजिह्वे न च घ्राणनेत्रे ।
न च व्योम भूमिर्न तेजो न वायुः
चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम् ।। 1 ।।
मैं न तो मन बुद्धि चित्त अहंकार हूं। मैं न तो मैं कान,जिह्वा नाक,आँख हूं। मैं न तो आकाश, भूमि, अग्नि, वायु हूं। मैं केवल शुद्ध चेतना हूं मैं ही शिव हूं।
Aditya Hridaya Stotra Hindi Arth Sahit -आदित्य हृदय स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित
ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम्।
रावणं चाग्रतो दृष्ट्वा युद्धाय समुपस्थितम्॥१॥
दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम्।
उपागम्याब्रवीद्राममगस्त्यो भगवांस्तदा॥२॥
Shivlinga Ke Prakar Aur Mahatava-शिवलिंग क्या है
Shivling kya hai-शिवलिंग क्या है
शिवलिंग
का अर्थ होता है – शिव का प्रतीक। शिवलिंग को सृष्टि के निर्माण का प्रतीक माना जाता है। शिवलिंग शिव जी का निराकार स्वरूप है। शिवलिंग के पूजन से भगवान महादेव की सगुण और निर्गुण दोनों प्रकार की भक्ति प्राप्त होती है। शिवलिंग का पूजन करने से शिव और शक्ति दोनों का पूजन हो जाता है।
प्रणव समस्त अभीष्ट वस्तुओं को देने वाला प्रथम लिंग है।वह सूक्ष्म प्रणव है। सूक्ष्म लिंग निष्कल होता है और स्थूल लिंग सकल। एक अक्षररूप जो ओम है उसे सूक्ष्म प्रणव जानना चाहिए और पंचाक्षर मंत्र नमः शिवाय को स्थूल लिंग कहते हैं।उन दोनों प्रकार के लिंगो का पूजन तप कहलाता है।
पृथ्वी के विकारभूत पांच प्रकार के लिंग ज्ञात हैं-पहला स्वयंभू लिंग, दूसरा बिंदु लिंग, तीसरा प्रतिष्ठित लिंग, चौथा चरलिंग और पांचवां गुरू लिंग।
Sawan Maas 2023 Ke Vrat Tyohar-सावन मास 2023 के व्रत और त्यौहार
वर्ष 2023 में सावन या श्रावण मास का आरम्भ 4 जुलाई से होगा। 18 जुलाई से 16 जुलाई तक अधिक श्रावण मास रहेगा तथा 31 जुलाई को श्रावण मास की समाप्ति होगी।
Navgrah Beej Mantra And Navgrah Gayitri Mantra -नवग्रह बीज मन्त्र द्वारा कैसे मजबूत करें अपना भाग्य
नवग्रहों(Navgrah) को मजबूत रखना अत्यंत आवश्यक है। खास कर जातक की कुंडली में जिस ग्रह महादशा या अंतर्दशा चल रही हो तथा लग्नेश(मुख्य ग्रह) व चंद्र राशि के स्वामी ग्रह को मजबूत रखना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि इन ग्रहों का जातक के जीवन पर विशेष प्रभाव पड़ता है।