Rashiyan-राशि
भचक्र(Zodiac) में सभी ग्रह स्थित हैं। इस भचक्र को 30 अंश के द्वादश (बारह) समान भागों में विभक्त किया गया है प्रत्येक 30 का अंश एक राशि कहलाता है। इनका नामकरण उसमें स्थित प्रसिद्ध तारामंडल के आधार पर किया गया है।
Rashiyan-राशि
भचक्र(Zodiac) में सभी ग्रह स्थित हैं। इस भचक्र को 30 अंश के द्वादश (बारह) समान भागों में विभक्त किया गया है प्रत्येक 30 का अंश एक राशि कहलाता है। इनका नामकरण उसमें स्थित प्रसिद्ध तारामंडल के आधार पर किया गया है।
जन्म कुण्डली में 12 भाव होते हैं जो हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं।ज्योतिष शास्त्र में हर भाव को एक विशेष कार्य प्रदान किया गया है जैसे यदि माता वाहन भूमि इत्यादि के बारे में जानना हो तो हम उस जातक की जन्मकुंडली के चतुर्थ भाव पर दृष्टि डालेंगे।
कार्तिक पूर्णिमा(Kartik Purnima) को बहुत ही पवित्र माना जाता है। इसे देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। इसी पवित्र दिन श्री गरूनानक देव का भी जन्म हुआ था। सिख लोग इस दिन को प्रकाशोत्सव के रूप में मनाते हैं। इसे त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते हैं।इस दिन गंगा स्नान दीपदान अनुदान आदि का…
कार्तिक शुक्ल पक्ष चतुर्दशी को वैकुण्ठ चतुर्दशी(Vaikunth Chaturdashi) का व्रत किया जाता है। वैकुण्ठ चतुर्दशी के दिन हरि और हर अर्थात भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा की जाती है।
Jyotish Shastra
सामान्यतः आकाश में स्थित ग्रह ,नक्षत्र आदि की गति , स्थिति एवं मानव और पृथ्वी पर उसके प्रभाव आदि अध्यनन जिस शास्त्र के अंतर्गत करते हैं उसे ज्योतिष शास्त्र कहते हैं।
कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी का दिन नरक चतुर्दशी(Narak Chaturdashi) के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष छोटी दिवाली 12 नवम्बर को पड़ रही है।चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 11 नवम्बर की 1:57 PM से हो रही है जो 12 नवम्बर की शाम 2:44PM तक है।
Shri Ganesh Chalisa-श्री गणेश चालीसा
जय गणपति सद्गुण सदन कविवर बदन कृपाल।
विघ्न हरण मंगल करण जय जय गिरिजालाल॥
जय जय जय गणपति राजू। मंगल भरण करण शुभ काजू॥
जय गजबदन सदन सुखदाता। विश्व विनायक बुद्धि विधाता॥
एक बार चंद्र देव के ऊपर क्रोधित होकर भगवान गणेश ने उन्हें यह श्राप दिया था की अब वह देखने योग्य नहीं रह जायेंगे और जो भी प्राणी उनके दर्शन करेगा उसे भी कलंक अवश्य लगेगा। जानिए क्या है पूरी कथा और कैसे मिली चंद्रदेव को श्राप से मुक्तिऔर क्या करें यदि गलती से भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी के चन्द्रमा के दर्शन हो जाएं।
करवाचौथ(Karwachauth) का त्यौहार पूरे उत्तरभारत में सुहागिन स्त्रियों द्वारा बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लम्बी आयु,स्वास्थ्य और उन्नति के लिए व्रत रखती हैं और चंद्र दर्शन के बाद व्रत तोड़ती हैं। इस वर्ष करवाचौथ का व्रत 20 अक्टूबर 2024 को पड़ रहा है। करवा चौथ में करवा (एक…
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई। सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥
दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारि सिया सुधि लाए॥