पितृ दोष(Pitra Dosh) ज्योतिष शास्त्र के चर्चित बुरे योगों में से एक है हो यदि कुंडली में उपस्थित हो तो जीवन को अत्यंत कठिन बना देता है क्योंकि यदि किसी जातक की जन्म पत्रिका में यह दोष उपस्थित हो तो जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है तथा कुछ भी आसानी से नहीं प्राप्त होता है।
Pitra Dosh Kya Hota Hai–पितृ दोष क्या होता है
शास्त्रों के अनुसार हम सभी जब इस भूलोक में जन्म लेते हैं तो हमारे ऊपर तीन ऋण होते हैं –देव ऋण, ऋषि ऋण, पितृ ऋण।
1) देव ऋण – देवताओं का ऋण, जो हमें वर्षा और भोजन प्रदान करते हैं। धार्मिक कार्य जैसे पूजा ,दान पुण्य , यज्ञ आदि करने से ये ऋण दूर होते है।
2) ऋषि ऋण – ऋषियों का ऋण, जो हमें ज्ञान देते हैं। जो ज्ञान हमने प्राप्त किया है उसे दूसरी पीढ़ी को हस्तांतरित करना होता है।
3) पितृ ऋण – हमें जन्म देने वाले पूर्वजों का ऋण। जब हम पाणिग्रहण संस्कार द्वारा सन्तानोपत्ति करते हैं तो हम पितृ ऋण से मुक्त होते हैं।
जिन्हें हमें अपने कर्मों द्वारा वापस करना होता है। यदि हम ऐसा करने में असमर्थ रहते हैं तो यह ऋण हमारी जन्म कुंडली में दोष के रूप में परिलक्षित होते हैं। ये ऋण जन्म जन्मांतर तक चलते हैं। पितृ दोष हमारे पूर्व जन्म में अपने कर्तव्यों की पूर्ति न कर पाने के कारण उत्पन्न होता है या हमारे पूर्वजों द्वारा कोई अपराध हुआ होता है जिसका परिणाम आगे आने वाली पीढ़ियों को पितृ दोष(pitra dosh) के रूप में झेलना पड़ता है।।
Janam Kundali Me Pitra Dosh
यदि हमारे पूर्वजों द्वारा कुछ गलत कर्मों के कारण परिवार को श्राप लगा होता है या हमारे पितृ तृप्त नहीं होते हैं तो पितृ दोष उत्पन्न होता है। कुंडली में सूर्य पर यदि राहु, केतु या शनि का प्रभाव हो तो पितृ दोष का निर्माण होता है। कुछ विद्वान् नवम भाव के अत्यधिक पीड़ित होने पर पितृ दोष मानते हैं। पितृ दोष जीवन में किसी भी कार्य में अत्यधिक विलम्ब करता है या बहुत गंभीर स्थिति में कभी-कभी विवाह या संतान नहीं होने देता है।
Pitra Dosh Lakshan-लक्षण द्वारा जाने कुंडली में पितृ दोष है या नहीं
- यदि कुंडली में पितृ दोष हो तो कोई मंगल कार्य जैसे विवाह नहीं होता या बहुत कठिनाई से होता है।
- पितृ दोष वाले घर में लड़ाई झड़गे होते रहते हैं। परिवार के सदस्यों की आपस में नहीं बनती है।
- घर के बुजुर्ग बीमारी से पीड़ित रहते हैं।
- लोगों की नौकरी नहीं लग पाती है या लग कर छूट जाती है।
- प्रतिष्ठा या तो प्राप्त नहीं होती या प्राप्त होकर चली जाती है।
- परिवार छोटा होता चला जाता है।
- धन या तो आएगा नहीं अगर आएगा रुकेगा नहीं रोग में जायेगा।
- संतान होने में दिक्कत रहती है और संतान होती भी है तो उससे सुख नहीं मिल पाता।
- कठिन परिश्रम के बावजूत अपेक्षित परिणाम नहीं मिलता है।
- परिवार में असमय मृत्यु होने पर भी पितृ दोष उत्पन्न होता है।
Pitra Dosh Ke Upay–पितृ दोष के उपाय
पितृ दोष कभी ख़तम न होने वाला दोष है। इसके उपाय जीवन पर्यन्त करने पड़ते हैं। परन्तु निरंतर उपाय करते रहने पर परिस्थितियां बेहतर होती हैं। निम्न उपाय को करके पितृ दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
- पितृ दोष के उपाय के पितृ पक्ष सबसे अच्छा समय होता है। इस समय में पितरों के निमित्त दान-पुण्य, यज्ञ आदि करने से पितृ दोष का प्रभाव क्षीण होता है। पितृ पक्ष में क्या उपाय करें ये जांनने के लिए हमारा निम्न लेख पढ़ें।जाने क्या है पितृ पक्ष, क्या करें
- पितृ पक्ष के अलावा पितृ दोष के उपाय प्रत्येक अमावस्या को किए जाते हैं। अमावस्या को अपनी सामर्थ्य के अनुसार अनाज का दान किसी जरूरतमंद को दें।
- अमावस्या को सूर्यास्त के बाद शिवलिंग के पास आटे का बना देशी घी का दीपक जलाएं तथा अपने और अपने पूर्वजों द्वारा किए हुए अपराध की क्षमा मांगें।
- रोजाना पक्षियों के लिए दाना और पानी रखें।
- विष्णु जी या उनके किसी स्वरुप के मंत्र को श्रद्धापूर्वक नित्य पाठ करें। यदि कुछ भी सम्भव न हो तो केवल यही उपाय कर लें। परिस्थियां जरूर सामान्य होंगी बस आपको स्वयं पर और ईश्वर पर विश्वाश रखना है और अपना आचरण अच्छा रखना है।
🙏🙏🙏 🕉️ नमो भगवते वासुदेवाय 🙏🙏🙏
पितृदोष संबंधित आपका यह लेख काफी ज्ञान वर्धक है ।
आपकी सारी प्रस्तुतियां बहुत ही सुन्दर होती हैं , इसीलिए
मैं सिर्फ आपकी प्रस्तुतियों का पठन-पाठन करना चाहता हूं, पर आप हमारे निवेदन पर ध्यान नहीं देतीं । आज के इस “Pomp n show(यानि कि जो दिखता है वह बिकता है । ) युग में black n white कोई नहीं पूछता । इसलिए अपनी प्रस्तुतियों में रंगीनियां लाइए । उदाहरण के तौर पर यदि देवी मां का कुछ है तो पेपर कलर पीला तथा अक्षरों का रंग लाल, राधा कृष्ण के लिए पीला तथा नीला ।
🙏🙏🙏 श्री राधा कृष्णाये नमः।🙏🙏🙏
धन्यवाद।