सूर्य वैदिक ज्योतिष का अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रह है। ज्योतिष शास्त्र में इसे राजा की पदवी प्राप्त है। सूर्य आत्मा, पिता, पद, प्रतिष्ठा, सरकार, हड्डियों, मस्तक, चेहरे पर तेज, आंखों, वाणी में आकर्षण, आत्मबल, अच्छा स्वास्थ्य और आयु का कारक ग्रह है। अतः हमारी जन्म कुंडली में सूर्य का अच्छा होना अत्यंत आवश्यक है। यदि आपकी…
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Kainchi Dham Sampurn Jankari-कैंची धाम कैसे पहुंचे
कैंची धाम(Kainchi Dham) नीम करौली बाबा के आश्रम के रूप में प्रसिद्ध है, जो भक्तों के बीच में अत्यंत लोकप्रिय है। हर वर्ष यहाँ देश विदेश के कोने-कोने से भक्त दर्शन हेतु आते हैं। यह धाम, नैनीताल, उत्तराखंड, भारत में स्थित है। ये आश्रम नैनीताल से कुछ दूर, अल्मोडा की तरफ एक खूबसूरत पर्वत शिखर…
Somnath Jyotirlinga Sampurn Jankari Aur Katha
सोमनाथ मंदिर(Somnath Jyotirlinga) द्वादश ज्योतिर्लिंगों में सर्वप्रथम ज्योतिर्लिंग हैं।इसका निर्माण स्वयं चन्द्रदेव ने किया था जिसका उल्लेख ऋग्वेद में स्पष्ट है।इसका उल्लेख स्कन्धपुराण, लिंगपुराण और शिवपुराण में भी मिलता है।यह गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के वेरावल बन्दरगाह में स्थित है। इसके समृद्ध हिंदू इतिहास के दौरान, मुस्लिम और पुर्तगाली विजेताओं ने मंदिर को कई बार…
द्वादशज्योतिर्लिङ्गानि-Dwadash Jyotirling Mantra
ज्योतिर्लिंग स्वयं प्रकट होते है अर्थात स्वयंभू होते हैं। शिवपुराण की रुद्रसंहिता की कथा के अनुसार जब ब्रह्मा जी और विष्णु जी के मध्य विवाद हुआ तब पहला ज्योति स्तम्भ प्रकट हुआ।शास्त्रों में 64 ज्योतिर्लिंगों का वर्णन मिलता है जिनमें से हम 12 ज्योतिर्लिंगों और 12 उपज्योतिर्लिंगों के बारे में हमें पता है बाकी के…
तुलसी विवाह कैसे करें-Tulsi Vivah Kaise Karen
देवउठान एकादशी के दिन श्री हरि के शालिग्राम रूप के साथ तुलसी विवाह संपन्न कराया जाता है। इस विवाह को पूरे विधि-विधान के साथ के साथ किया जाता है। जो भी इस दिन शालिग्राम के साथ तुलसी जी के साथ कराता है उसपर सदैव भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है।
Pitra Dosh Lakshan Aur Upay-पितृ दोष लक्षण व उपाय
पितृ दोष(Pitra Dosh) ज्योतिष शास्त्र के चर्चित बुरे योगों में से एक है हो यदि कुंडली में उपस्थित हो तो जीवन को अत्यंत कठिन बना देता है क्योंकि यदि किसी जातक की जन्म पत्रिका में यह दोष उपस्थित हो तो जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है तथा कुछ भी आसानी से नहीं…
Pitru Paksha Kya Hai-जाने क्या है पितृ पक्ष, क्या करें
आश्विन कृष्ण प्रतिपदा से लेकर अमावस्या पंद्रह दिन पितृपक्ष(Pitru Paksha) के नाम से विख्यात है। इन पंद्रह दिनों में लोग अपने पितरों (पूर्वजों) को जल देते हैं तथा उनकी मृत्युतिथि पर पार्वण श्राद्ध करते हैं।
विभिन्न सपनों का अर्थ-Sapno Ka Arth
जब भी हम कोई ख़ास स्वप्न देखते हैं तो हमारे मन में यह विचार उत्पन्न होते हैं कि ये स्वप्न(sapno ka arth) क्यों आया। सपनों का हमारे स्वास्थ्य से सीधा संबंध होता है।
Ganesh Ji Ke 8 Avatar-गणेश जी के 8 अवतार
भगवान गणेश के अनेक अवतार हुए हैं पर उसमें से आठ अवतार (Ganesh Ji Ke 8 Avatar) प्रमुख हैं – वक्रतुण्ड, एकदन्त, महोदर, गजानन, लम्बोदर, विकट, विघ्नराज और धूम्रवर्ण।
Bhav Sagar Taran Karan He Lyrics With Meaning-गुरु वंदना
भवसागर तारण कारण हे ।रविनन्दन बन्धन खण्डन हे ॥
शरणागत किंकर भीत मने ।गुरुदेव दया करो दीनजने ॥१॥